क्या है अटल कैंटीन? कैसे काम करता है अटल कैंटीन? 5 रुपए में कैसे मिलता है पौष्टिक खाना

क्या है अटल कैंटीन? कैसे काम करता है अटल कैंटीन? 5 रुपए में कैसे मिलता है पौष्टिक खाना
क्या है अटल कैंटीन? कैसे काम करता है अटल कैंटीन? 5 रुपए में कैसे मिलता है पौष्टिक खाना

नई दिल्ली: भारत में जहां एक ओर महंगाई लगातार बढ़ रही है, वहीं सरकारें समाज के विभिन्न वर्गों को सस्ती और पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए कदम उठा रही हैं। इसी दिशा में, अटल कैंटीन एक अहम पहल है, जिसे विशेष रूप से गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए शुरू किया गया है।

क्या है अटल कैंटीन?

अटल कैंटीन एक सार्वजनिक भोजन सेवा है जो सरकार द्वारा चलाए जा रहे है। इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को सस्ता, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, लोगों को ताजगी से भरपूर, हाइजीनिक और स्वादिष्ट भोजन बेहद सस्ती कीमत पर मिलेगा।

इस योजना की शुरुआत उन स्थानों पर की जा रही है जहां लोग सस्ते भोजन के लिए संघर्ष करते हैं, जैसे शहरी इलाके, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर।

कैसे काम करता है अटल कैंटीन?

अटल कैंटीन में भोजन की कीमतें बहुत ही किफायती रखी गई हैं, ताकि हर कोई इसे आसानी से अफोर्ड कर सके। यह कैंटीन खास तौर पर गरीब और जरूरतमंद वर्ग को ध्यान में रखते हुए खोले गए हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यहां मिलने वाला भोजन न केवल सस्ता हो, बल्कि गुणवत्तापूर्ण भी हो।

अटल कैंटीन में खाने का मेन्यू अक्सर दाल, चावल, रोटियां, सब्जी और सूप जैसे सामान्य लेकिन पौष्टिक विकल्प शामिल होता है। खाने का समय भी विशेष रूप से सुबह से लेकर शाम तक रखा जाता है, ताकि कामकाजी लोग भी इसका लाभ उठा सकें।

अटल कैंटीन की शुरुआत

इस पहल की शुरुआत उत्तर प्रदेश राज्य से की गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार अटल कैंटीन का उद्घाटन किया था। इसके बाद, विभिन्न राज्य सरकारों ने इस योजना को अपने राज्य में लागू किया और इसे दूसरे क्षेत्रों में फैलाया।

कैंटीन में सुबह 11 से लेकर दोपहर 3 बजे तक मिलेगा खाना

कैंटीन खोलने का समय निर्धारित कर दिया गया है। सुबह 11 बजे से दोपहर के 3 बजे तक कैंटीन खुला रहेगा। मतलब कि रोजाना 4 घंटे तक दिन में आपको खाना मिलेगा।

स्टील की थाली में मिलेगा भोजन

मार्केट कमेटी के सचिव नरेश मान ने कहा कि खाना किसी डिस्पोजल में नहीं बल्कि स्टील की थाली में ही मिलेगा। मान ने कहा कि करीब 1000 थाली रोजाना खाना खपत होने का अनुमान है।

कोई भी ले सकता है खाना

वैसे तो यह कैंटीन किसान और मजदूरों के लिए खोला जा रहा है, ताकि कोई भूखा न रहे। लेकिन कोई भी भूखा खाना लेने जाएगा तो उसे मिलेगा। खाली हाथ नहीं लौटाया जाएगा।

4 रोटी, चावल, दाल, दो सब्जी, सलाद और रायता भी मिलेंगे

मार्केट कमेटी के सचिव नरेश मान ने कहा कि 10 रुपए में भरपेट खाना मिलेगा। उसमें 4 रोटियां, चावल, दाल के साथ दो सब्जियां रहेगी। सलाद और रायता भी दिए जाएंगे

समानता और सस्ती खाद्य सेवा

अटल कैंटीन का उद्देश्य उन सभी लोगों को सस्ती खाद्य सेवा प्रदान करना है, जो आमतौर पर उच्च कीमतों के कारण बाहर खाना नहीं खा पाते। यह योजना विशेष रूप से उस वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है जो रोज़ाना काम करने के लिए बाहर जाते हैं लेकिन अपने खाने की चिंता करते हैं। इसके साथ ही, यह कदम बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और भूखमरी की समस्याओं को दूर करने में भी सहायक साबित हो सकता है।

अंत में

अटल कैंटीन न केवल सस्ती, बल्कि पौष्टिक भोजन सेवा की मिसाल बन चुका है। इस पहल का उद्देश्य गरीबों को जीवन की बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार का समर्थन प्रदान करना है। यह कार्यक्रम अन्य राज्य सरकारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जो समाज के वंचित वर्ग के लिए सस्ती और हेल्दी खाद्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकते हैं।

यह पहल एक ऐसी उम्मीद की किरण है, जो लोगों की जरूरतों और उनके अधिकारों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है।

Digikhabar Editorial Team
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