
नई दिल्ली: मंगलवार को लोकसभा में सस्पेंस और ड्रामे से भरा दृश्य देखने को मिला, जब भाजपा सांसदों ने स्पीकर ओम बिरला का स्वागत “जय श्री राम” के नारों से किया, वहीं विपक्ष की बेंचों ने “अस्सलामु अलैकुम, सर” के नारे लगाकर प्रतिक्रिया दी। इस विवादित नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
बारिश के मौसम के सत्र का 12वां दिन भी संसद में हलचल भरा रहा। बुधवार को भी संसद की कार्यवाही विधायी चर्चा के बजाय नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रभावित रही। लोकसभा और राज्यसभा दोनों दो-दो बार विपक्ष के प्रदर्शन के कारण स्थगित करनी पड़ी। लगभग 11 बैठकों से चल रही इस गड़बड़ी के चलते मानसून सत्र अब तक अधिकतर अनुपयोगी साबित हो रहा है। लोकसभा ने केवल गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व के पुन: समायोजन बिल 2024 को पास किया। अन्य महत्वपूर्ण विधेयक विपक्ष के विरोध के चलते लंबित रह गए।
सरकार ने बुधवार को पांच अहम बिल पारित करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन केवल एक बिल ही सदन में मंजूर हो पाया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच तीखी बहस हुई, जब खड़गे ने आरोप लगाया कि उच्च सदन के अंदर CISF जवान तैनात किए गए हैं। इस प्रकार मानसून सत्र के बीच बढ़ती राजनीतिक तनातनी और लगातार विरोध प्रदर्शन ने संसद की कार्यवाही को बाधित कर दिया है, जिससे कानून निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है।