किम के जाने के बाद क्यों शुरू हुआ ‘सफाई अभियान’, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

किम के जाने के बाद क्यों शुरू हुआ 'सफाई अभियान', सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
किम के जाने के बाद क्यों शुरू हुआ 'सफाई अभियान', सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

बीजिंग। बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित भव्य विजय परेड में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन पहली बार एक साथ मंच पर नज़र आए। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी सेनाओं पर चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी।

इस अवसर पर तीनों नेताओं की उपस्थिति को वैश्विक राजनीति के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है। हालाँकि, इन नेताओं की द्विपक्षीय बैठकों का इतिहास रहा है, लेकिन यह पहला मौका था जब तीनों नेता एक साथ किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

किम के जाने के बाद शुरू हुई ‘सफाई अभियान’

परेड और बैठकों के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें किम जोंग उन की बैठक के बाद उत्तर कोरियाई स्टाफ उनके द्वारा छुए गए हर सामान को साफ करते हुए नज़र आए। वीडियो में दो स्टाफ सदस्य फुर्ती से कुर्सी, मेज, और गिलास तक को सैनिटाइज करते दिखाई दे रहे हैं। एक व्यक्ति कुर्सी की पीठ को पॉलिश करता है, जबकि दूसरा एक ट्रे में रखे पानी के गिलास को ले जाता है।

क्यों होती है ऐसी सतर्कता?

इस तरह की ‘साफ-सफाई’ की वजह को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अटकलें ज़रूर लगाई जा रही हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया अपने नेता की सुरक्षा को लेकर असाधारण सतर्कता बरतता है और संभवतः रूस की शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों से बचाव के लिए यह सावधानी बरती गई हो।

पुतिन के ‘ह्यूमन वेस्ट कलेक्शन’ की भी हुई चर्चा

गौरतलब है कि इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर भी रिपोर्टें आई थीं कि उनकी सुरक्षा टीम विदेश यात्रा के दौरान उनका मल-मूत्र भी एकत्र करती है, ताकि उनके स्वास्थ्य संबंधी कोई भी जानकारी विदेशी खुफिया एजेंसियों के हाथ न लग सके। रिपोर्टों के मुताबिक, उनके उत्सर्जन में ऐसे संकेत हो सकते हैं जो उनके स्वास्थ्य की स्थिति या अन्य संवेदनशील जानकारियों को उजागर कर सकते हैं।

यूक्रेन युद्ध पर भी हुई चर्चा

बैठक के दौरान पुतिन और किम जोंग उन के बीच यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा हुई। रूसी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया की मदद के लिए किम का आभार व्यक्त किया और इस बात की पुष्टि की कि उत्तर कोरियाई सेना ने रूस के कुछ हिस्सों में सहयोग किया है। हालाँकि, इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है।

यह बैठक जहां एशिया और विश्व राजनीति में बदलते समीकरणों की ओर संकेत करती है, वहीं किम जोंग उन की असामान्य सतर्कता एक बार फिर वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन तीन देशों के रिश्तों में और क्या नया मोड़ आता है।