NDA से महिला कैडेट्स की पासिंग क्यों बना सुर्खियों में, जानें पूरा कारण

NDA से महिला कैडेट्स की पासिंग क्यों बना सुर्खियों में, जानें पूरा कारण
NDA से महिला कैडेट्स की पासिंग क्यों बना सुर्खियों में, जानें पूरा कारण

पुणे, खड़कवासला: देश के रक्षा इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। शुक्रवार को पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने 300 पुरुष कैडेट्स के साथ पासिंग आउट परेड में भाग लिया। यह क्षण त्रि-सेवा प्रशिक्षण अकादमी में लैंगिक समावेशिता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। 148वें कोर्स की परेड का नेतृत्व अकादमी कैडेट कप्तान उदयवीर नेगी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मिजोरम के राज्यपाल और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने परेड की समीक्षा की।

जनरल सिंह ने इस अवसर पर कहा, “यह हमारे सामूहिक सफर में समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।” उन्होंने महिला कैडेट्स को “नारी शक्ति” का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये कैडेट्स “महिला विकास ही नहीं, बल्कि महिला-नेतृत्व वाले विकास” का प्रतीक हैं।

डिग्री वितरण समारोह

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) द्वारा कुल 339 कैडेट्स को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 17 महिला कैडेट्स भी शामिल हैं। डिग्री प्राप्त करने वालों में:

  • 111 कैडेट्स को बीटेक (B.Tech)
  • 85 को कंप्यूटर साइंस
  • 84 को बीएससी (B.Sc)
  • 59 को बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA) की डिग्री प्रदान की गई।

यह पहली बार है जब एनडीए से महिलाओं की बैच पास आउट हुई है। महिला कैडेट्स को एनडीए में शामिल करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद लिया गया था। इसके तहत महिला उम्मीदवारों को पुरुष कैडेट्स के साथ समान प्रशिक्षण और अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। एनडीए में महिला कैडेट्स की यह पहली पासिंग आउट परेड न केवल सैन्य इतिहास के लिए, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के लिए भी प्रेरणास्पद है। यह एक ऐसा कदम है जो भारतीय सशस्त्र बलों को अधिक समावेशी और प्रगतिशील बनाने की दिशा में अग्रसर है।