
पानी बचाने की दिशा में एक अनोखी पहल करते हुए, ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ ने ज़ेरोडोर नामक वॉटरलेस यूरिनल का समर्थन किया है। यह उत्पाद हाल ही में शार्क टैंक इंडिया सीज़न 3 में प्रदर्शित हुआ था।
कामथ का अनुभव: पानी बचाने में कारगर साबित हुआ ज़ेरोडोर
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक पोस्ट में, कामथ ने ज़ेरोडोर की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यालय में पुरुषों के यूरिनल्स में पिछले छह महीनों से यह उत्पाद उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया, “हमारे पानी के बिल में 50% की कमी आई है, जिसकी हमने उम्मीद भी नहीं की थी।”
इसके साथ ही, कामथ ने बताया कि उनकी कंपनी रेनमैटर इस प्रोजेक्ट का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा, “हमें यह प्रोडक्ट इसलिए पसंद आया क्योंकि यह पानी को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है, जो आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।”
700 से ज्यादा संस्थानों में उपयोग हो रहा है ज़ेरोडोर
कामथ द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, ज़ेरोडोर का उपयोग भारतीय रेलवे, सरकारी संस्थानों, बड़े फूड और बेवरेज चेन, मॉल्स, थिएटर्स, डिफेंस संस्थानों, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री और निजी कंपनियों सहित 700 से अधिक संगठनों में किया जा रहा है।
शार्क टैंक में हुआ था पेश, लेकिन डील नहीं मिली
ज़ेरोडोर को शार्क टैंक इंडिया सीज़न 3 में पेश किया गया था। इसे झारखंड के एक छोटे से गांव से आए संस्थापक उत्तम बनर्जी और सचिन जोशी ने तैयार किया है। उनके अनुसार, यह एक रेट्रोफिट उपकरण है, जिसे किसी भी सामान्य यूरिनल में फिट किया जा सकता है। इसके साथ ही, महिलाओं के लिए एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया यूरिनल भी उनके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का हिस्सा है।
हालांकि, शो में ज़ेरोडोर को कोई डील नहीं मिल पाई। एडेलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने प्रॉफिट ग्रोथ की धीमी गति पर सवाल उठाए, जबकि लेंसकार्ट के पीयूष बंसल ने शर्त रखी कि कंपनी केवल एक उत्पाद पर फोकस करे और सेल्स को बढ़ाने के लिए अलग टीम बनाए। लेकिन संस्थापकों ने यह शर्त मानने से इनकार कर दिया।
पानी बचाने की प्रेरणा: व्यक्तिगत अनुभव से शुरू हुई यात्रा
उत्तम बनर्जी ने बताया कि ज़ेरोडोर का विचार उनके निजी जीवन से प्रेरित है। झारखंड के उनके गांव में शौचालय की सुविधा नहीं थी, जिसके कारण उनकी पत्नी वहां जाने से कतराती थीं। इसी अनुभव ने उन्हें बेहतर सैनिटेशन सिस्टम के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी।
सीपीआर मॉडल पर काम कर रहा ज़ेरोडोर
ज़ेरोडोर के संस्थापक का कहना है कि उनकी कंपनी सैनिटेशन सिस्टम को CPR यानी Conserve (संरक्षण), Protect (सुरक्षा), और Restore (पुनर्स्थापना) के सिद्धांत पर काम कर रही है।
निष्कर्ष
पानी की बर्बादी को रोकने और स्वच्छता के स्तर को सुधारने की दिशा में ज़ेरोडोर एक सराहनीय पहल है। भले ही यह शार्क टैंक पर डील पाने में असफल रहा हो, लेकिन नितिन कामथ जैसे समर्थकों के साथ, इस प्रोजेक्ट के पास भविष्य में बड़ी ऊंचाइयों को छूने की पूरी संभावना है।