17 डॉक्टर नहीं पहचान पाए बीमारी, ChatGPT ने बचाई बच्चे की जान

17 डॉक्टर नहीं पहचान पाए बीमारी, ChatGPT ने बचाई बच्चे की जान
17 डॉक्टर नहीं पहचान पाए बीमारी, ChatGPT ने बचाई बच्चे की जान

नई दिल्ली: अमेरिका में एक मां की सूझबूझ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक चार साल के बच्चे की जान बचाई गई। जब 17 डॉक्टर भी बच्चे की बीमारी की पहचान नहीं कर सके, तब मां ने ChatGPT की सहायता ली और AI ने जो बीमारी बताई, वही अंततः सही साबित हुई।

मामला कोर्टनी नाम की महिला और उसके बेटे एलेक्स का है। कोरोना महामारी के दौरान एलेक्स में अजीब लक्षण दिखने लगे—दांतों में बार-बार दर्द, विकास में देरी, शरीर का संतुलन बिगड़ना और गलत मुद्रा में चलना। कोर्टनी ने तीन साल में 17 डॉक्टरों से परामर्श लिया लेकिन किसी ने स्पष्ट निदान नहीं किया।

आखिरकार निराश होकर कोर्टनी ने ChatGPT का सहारा लिया। उसने बेटे की MRI रिपोर्ट और लक्षणों को एक-एक कर AI चैटबॉट में डाला। कुछ ही क्षणों में ChatGPT ने “Tethered Cord Syndrome” नाम की दुर्लभ बीमारी का सुझाव दिया। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी असामान्य रूप से जुड़ी होती है।

इसके बाद कोर्टनी ने इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के माता-पिता का एक फेसबुक ग्रुप जॉइन किया, जहां लक्षण मेल खाने पर AI के सुझाव को और बल मिला। बाद में जब एक नए न्यूरोसर्जन से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी यही निदान किया और एलेक्स की सर्जरी हुई। अब वह स्वस्थ हो रहा है।

हालांकि इस घटना ने AI के चिकित्सा क्षेत्र में संभावित उपयोग को उजागर किया है, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ChatGPT जैसे टूल्स डॉक्टरों का विकल्प नहीं बन सकते। AI कभी-कभी गलत जानकारी भी दे सकते हैं जिसे “AI Hallucination” कहा जाता है।

फिर भी यह मामला दिखाता है कि किस तरह सही मार्गदर्शन और तकनीक की मदद से दुर्लभ बीमारियों की पहचान की जा सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। भारत जैसे देश में, जहां संसाधनों की सीमाएं हैं, वहां AI एक सहायक उपकरण बन सकता है। यह कहानी एक नई उम्मीद जगाती है—क्या भविष्य में AI हर डॉक्टर की टूलकिट का हिस्सा होगा? फिलहाल, यह तकनीक की शक्ति और सीमाओं दोनों की याद दिलाती है।