विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण के काफिले की वजह से करीब 30 छात्र JEE मेन परीक्षा से चूक गए — ऐसा दावा जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, मानो बवाल मच गया! वीडियो और गुस्साए पोस्ट्स की बाढ़ आ गई, जिनमें आरोप था कि वीआईपी मूवमेंट के चलते ट्रैफिक ब्लॉक हुआ और छात्र तय समय से पहले परीक्षा केंद्र नहीं पहुंच सके।
घटना विशाखापत्तनम के पेंडुर्थी स्थित अयन डिजिटल एग्जाम सेंटर के पास हुई, जहां छात्रों और उनके अभिभावकों की परेशान और निराश तस्वीरें सामने आईं। परीक्षा केंद्र ने नियमों के अनुसार 8 बजे के बाद किसी को एंट्री नहीं दी — और यहीं से उठी राजनीति और प्रशासनिक लापरवाही पर बहस की आग।
पुलिस ने खारिज किया काफिले का कनेक्शन
विशाखापत्तनम सिटी पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और साफ कहा कि पवन कल्याण का काफिला 8:41 बजे वहां से गुज़रा था — यानि परीक्षा केंद्र के गेट बंद होने के 41 मिनट बाद। पुलिस ने यह भी बताया कि 8:30 बजे तक कोई भी रोड ब्लॉक नहीं की गई थी ताकि परीक्षार्थियों को कोई परेशानी न हो। पुलिस ने डेटा शेयर करते हुए कहा कि इस दिन अनुपस्थित छात्रों की संख्या पिछले दिनों की तुलना में कम थी, और यह साबित करता है कि काफिले से किसी भी तरह का ट्रैफिक जाम नहीं हुआ।
सोशल मीडिया पर घमासान
हालांकि सोशल मीडिया पर मामला कुछ और ही दिखा। छात्रों के अभिभावकों ने वीडियो शेयर कर बताया कि कैसे उन्हें ट्रैफिक में घंटों फंसा रहना पड़ा। “बच्चे एक साल से तैयारी कर रहे थे, लेकिन आखिरी वक्त पर वीआईपी मूवमेंट के कारण उन्हें एग्जाम मिस करना पड़ा,” एक नाराज़ अभिभावक ने कहा।
डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
जैसे ही मामला तूल पकड़ा, डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने खुद जांच के आदेश दे दिए। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, “जनता की सुविधा हमारी प्राथमिकता है, और अगर कहीं कोई चूक हुई है तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा।”
अब उठ रहे हैं बड़े सवाल
- क्या वीआईपी मूवमेंट बच्चों के भविष्य से बड़ा हो गया है?
- क्या प्रशासन को एग्जाम जैसे संवेदनशील दिनों पर खास सतर्कता नहीं बरतनी चाहिए?
अब जब जांच के आदेश दे दिए गए हैं, राज्य भर के माता-पिता और छात्र उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सच सामने आएगा और भविष्य में ऐसे “काफिले का कोहराम” दोबारा ना हो।