पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा के बाद पैरामिलिट्री बलों की तैनाती की मांग वाली याचिका पर कोई निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया। यह मामला न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की दो-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष आया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए रखा और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। इस पर पीठ ने कहा, “आप चाहते हैं कि हम राष्ट्रपति को राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्देश दें? वैसे ही हम पर कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने के आरोप लगते रहते हैं।”

इस याचिका में पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने की भी मांग की गई थी, जो मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की जांच करे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट हाल के दो फैसलों के कारण आलोचना के केंद्र में है — एक, राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को निर्णय लेने की समयसीमा तय करना और दूसरा, वक्फ (संशोधन) अधिनियम की कुछ धाराओं पर रोक लगाना।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों पर निशाना साधा था। उन्होंने राज्यसभा के इंटर्न्स को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कभी ऐसा लोकतंत्र नहीं था जहां न्यायाधीश कानून बनाने वाले, कार्यपालिका और “सुपर संसद” की भूमिका निभाएं। उन्होंने न्यायिक अतिक्रमण पर चेतावनी देते हुए कहा, “अब हमारे पास ऐसे न्यायाधीश हैं जो कानून बनाएंगे, कार्यपालिका के कार्य करेंगे और संसद से ऊपर की भूमिका निभाएंगे। और उन पर कोई जवाबदेही नहीं होगी क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता।”

धनखड़ ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 की तुलना “न्यूक्लियर मिसाइल” से की और कहा कि यह अधिकार न्यायपालिका के पास चौबीसों घंटे उपलब्ध है।

सिर्फ उपराष्ट्रपति ही नहीं, बल्कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद को बंद कर देना चाहिए।”

इस बीच, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग से संबंधित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई निर्धारित की गई है।