महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर गंभीर आरोप लगाए। फडणवीस ने कहा कि इस यात्रा में देशभर से एक दर्जन से ज्यादा नक्सल समर्थक संगठनों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही, उन्होंने दावा किया कि इस साल नवंबर में नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक बैठक हुई थी, जिसमें भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विरोध और बैलेट पेपर को फिर से लागू करने पर चर्चा की गई।
भारत जोड़ो यात्रा और नक्सल समर्थक संगठन
फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जिन 180 संगठनों के साथ बैठकें हुईं, उनमें से 40 को शहरी नक्सली संगठन बताया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इन संगठनों ने महाराष्ट्र में चुनाव के दौरान भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे वितरित किए। फडणवीस ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व गृह मंत्री आरआर पाटिल के अनुसार, इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था।
मालेगांव मामले पर फडणवीस का बयान
इसके अलावा, फडणवीस ने मालेगांव मामले का भी जिक्र किया, जिसमें जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनके खातों में ₹114 करोड़ की बेनामी धनराशि जमा की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि इस धनराशि को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य लोगों के खातों में भेजा गया। फडणवीस ने दावा किया कि यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है, बल्कि 21 राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें 201 खातों में करीब 1,000 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
कांग्रेस का जवाब
फडणवीस के आरोपों पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस के एक विधायक ने इसे “भारत जोड़ो यात्रा को बदनाम करने की हताश कोशिश” बताया। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि फडणवीस को इन आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश करने चाहिए। राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य भाजपा सरकार की “विभाजनकारी राजनीति” के खिलाफ देश को एकजुट करना था। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू और कश्मीर तक 4,080 किलोमीटर का सफर तय कर करीब 150 दिनों तक चली।