नई दिल्ली, 18 जनवरी: इस सप्ताह एक अद्भुत खगोलीय घटना होने वाली है, जब छह ग्रह एक साथ आकर एक शानदार “ग्रहों की परेड” का रूप लेंगें। मंगल, बृहस्पति, यूरेनस, नेपच्यून, शुक्र और शनि एक साथ रेखा में लगेंगे, जो रात के आकाश में एक अनुपम दृश्य प्रस्तुत करेगा।
इस खगोलीय घटना को “ग्रहों की संरेखण” (Planetary Alignment) कहा जाता है, जब कई ग्रह सूर्य के एक ही ओर एकत्र हो जाते हैं। इन छह ग्रहों में से चार (मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि) नग्न आंखों से देखे जा सकेंगे, जबकि नेपच्यून और यूरेनस को देखने के लिए टेलीस्कोप या उच्च शक्ति वाले दूरबीन की जरूरत पड़ेगी।
नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री डॉ. डैन ब्राउन ने द सन को बताया कि 18 जनवरी को यूके समयानुसार शाम 6 बजे के आसपास सबसे अच्छा समय होगा जब आप इन चार ग्रहों को देख सकते हैं। हालांकि, रॉयल ऑब्जर्वेटरी ने 21 जनवरी को सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 9 बजे तक के समय को सबसे आदर्श देखने का समय बताया है।
इस अद्भुत खगोलीय परेड को 18 जनवरी से 21 जनवरी के बीच सूर्यास्त के बाद देखना सबसे अच्छा रहेगा। पहले दो घंटों में आप शुक्र और शनि को दक्षिण-पश्चिम दिशा में, बृहस्पति को आकाश में ऊंचा, और मंगल को पूर्व दिशा में देख सकते हैं। चार या पांच ग्रहों का एक साथ दिखना बहुत ही असामान्य है। मंगल पृथ्वी से सूर्य के विपरीत दिशा में है और पूरी रात चमकता है। यह रात के समय में पूर्व दिशा में और सुबह के समय दक्षिण-पश्चिम दिशा में दिखाई देता है।
दक्षिण अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में मिलेगा बेहतरीन दृश्य
अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको के अधिकांश स्थानों पर यह ग्रहों की परेड अच्छे से देखी जा सकेगी। अगर आप इसे देखना चाहते हैं तो, बेहतर होगा कि आप 29 जनवरी के नए चाँद के सप्ताह के दौरान 21 फरवरी तक के समय का इंतजार करें। इसके लिए आपको शहरों से बाहर जाना होगा, ताकि प्रकाश प्रदूषण से बच सकें।
फरवरी में एक ग्रह और होगा लाइन में
फरवरी के अंत तक, बुध ग्रह भी इस संरेखण में शामिल हो जाएगा, जिससे कुल सात ग्रह एक साथ नजर आएंगे। यह दृश्य सूर्यास्त के समय सबसे बेहतरीन देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने इसे लेकर एक चेतावनी भी दी है कि सूर्य के करीब होने के कारण अपनी आंखों की सुरक्षा का खास ध्यान रखें और UV सुरक्षा के लिए उचित सावधानी बरतें।
इस अद्वितीय खगोलीय घटना का आनंद लेने के लिए सभी खगोल प्रेमियों को शुभकामनाएं। यह मौका हमें एक बार फिर आकाश में होने वाली प्राकृतिक सुंदरता का एहसास कराएगा और विज्ञान के प्रति हमारी जिज्ञासा को और बढ़ाएगा।