भारत सरकार का संघीय बजट सत्र 2025 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लगातार आठवें वर्ष बजट पेश करेंगी। इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित होंगी, जिनमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी शामिल है।
पार्लियामेंटरी अफेयर्स मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि 31 जनवरी को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति मुर्मू संसद भवन के लोकसभा कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद, 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2025-26 का बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
रिजिजू ने अपने पोस्ट में यह भी बताया कि दोनों सदन 13 फरवरी तक काम करेंगे और फिर 13 फरवरी से 10 मार्च तक recess (विराम) लिया जाएगा, ताकि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की मांगों पर विचार किया जा सके। मार्च 10 से सत्र पुनः शुरू होगा, जिसमें बजट प्रस्तावों पर चर्चा और विभिन्न मंत्रालयों के लिए अनुदान मांगों की समीक्षा की जाएगी।
सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से 13 फरवरी तक होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेंगे, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर चर्चा का उत्तर देंगी।
इसके बाद संसद का सत्र 13 फरवरी से 10 मार्च तक के लिए स्थगित होगा। मार्च के बाद सत्र फिर से शुरू होगा और बजट प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। यह सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होगा, जिसमें कुल 27 बैठकें आयोजित की जाएंगी।
बजट सत्र का महत्व
यह बजट सत्र देश के आर्थिक भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 2025-26 के बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए योजनाओं, अनुदान और विकास के उपायों की घोषणा की जाएगी, जो देश की समृद्धि और विकास की दिशा निर्धारित करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले कुछ वर्षों में कई साहसिक कदम उठाए हैं, और इस बार भी उनकी योजनाओं में देश के लिए नए आर्थिक समाधान देखने को मिल सकते हैं।
देशभर के लोग इस सत्र पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि यह न केवल सरकारी खर्च और कर नीति को प्रभावित करेगा, बल्कि भारतीय जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर डालेगा।