Milkipur Bypolls 2025: Akhilesh Yadav ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर दिया बड़ा बयान, कहा ‘आयोग मर चुका है’

Milkipur Bypolls 2025: Akhilesh Yadav ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर दिया बड़ा बयान, कहा 'आयोग मर चुका है'
Milkipur Bypolls 2025: Akhilesh Yadav ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर दिया बड़ा बयान, कहा 'आयोग मर चुका है'

उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुके हैं, और अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को होने वाले नतीजों पर टिकी हुई हैं। इस सीट पर एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मियाँ बढ़ गई हैं, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच छिड़ी बयानबाजी को लेकर। इस दौरान, सपा के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारत निर्वाचन आयोग (EC) पर एक विवादित टिप्पणी की, जिससे राजनीति में हलचल मच गई।

अखिलेश यादव की विवादित टिप्पणी

मिल्कीपुर उपचुनाव के संदर्भ में उठ रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा।” उनकी यह टिप्पणी चुनावी प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों और भाजपा की रणनीति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया का कारण बनी। उनके बयान में चुनाव आयोग और इसकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए गए, जिससे सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति और बढ़ गई।

चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा को घेरा

इस बीच, नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी मिल्कीपुर चुनाव को लेकर भाजपा की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतंत्र का गला घोंटा है। उनका कहना था, “जिस तरह से सरकारी मशीनरी सत्ता के सामने झुक गई है, यह लोकतंत्र का उल्लंघन है। वोटों को प्रभावित करने, मतदान में देरी करने, लोगों को धमकाने, और वोट न डालने देने का पाप जो उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है, वह एक अपराध है।” चंद्रशेखर आजाद ने यह भी कहा कि सत्ता में रहते हुए भाजपा को लगता है कि वे कभी नहीं जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र की हत्या करने का खामियाजा उन्हें आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। उनका मानना है कि इस सबके बावजूद मिल्कीपुर में नतीजे भाजपा को एक कड़ा संदेश देंगे।

सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की प्रतिक्रिया

मिल्कीपुर उपचुनाव पर समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने भी चुनावी गड़बड़ी को लेकर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “इन चुनावों में गड़बड़ी हुई है, और हमारी पार्टी इसकी शिकायत करती रही है। हमारे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर यही कहा है। पुलिस की मदद से चुनावों में गड़बड़ी की जा रही है, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि सपा इन सबको पार कर चुनाव जीतेगी।” बर्क का यह बयान चुनावी माहौल को लेकर पार्टी के विश्वास को उजागर करता है, और वह सपा के समर्थन में जनमत जुटाने के लिए तैयार हैं।

चुनाव में गड़बड़ी का आरोप और पुलिस की भूमिका

चुनावों में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर सपा लगातार चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर निशाना साध रही है। पार्टी का कहना है कि पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, ताकि चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा सके। इस संदर्भ में सपा नेताओं का कहना है कि मतदान प्रक्रिया में देरी, मतदाताओं को डराना-धमकाना, और वोटों के मतदाता सूची में छेड़छाड़ के जरिए भाजपा की तरफ से चुनावी धांधली हो रही है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी इन आरोपों को खारिज करती आई है और उसे राजनीति का हिस्सा मानती है।

नतीजों का इंतजार

अब जब चुनाव संपन्न हो चुके हैं, सभी की नजरें 8 फरवरी को होने वाले परिणामों पर हैं। इस सीट पर भाजपा, सपा और अन्य दलों के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। यह उपचुनाव उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा के बीच सत्ता संघर्ष को दिखाने वाला है, और यह नतीजे 2024 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय करने में अहम साबित हो सकते हैं। भाजपा जहां इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, वहीं सपा इसे अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण मान रही है।

मिल्कीपुर उपचुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाला साबित हो सकता है। चुनावी नतीजे भले ही 8 फरवरी को आएं, लेकिन इस दौरान उठे आरोप-प्रत्यारोप ने राज्य के राजनीतिक माहौल को और भी गरम कर दिया है। इसके परिणाम न केवल मिल्कीपुर, बल्कि पूरे प्रदेश में राजनीतिक ताकतों के बीच बदलाव का संकेत देने वाले होंगे।

निष्कर्ष

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव उत्तर प्रदेश के लिए एक अहम राजनीतिक घटना साबित हो रहा है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप और गड़बड़ी के आरोप चुनावी माहौल को और भी चढ़ा रहे हैं। अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद और जिया उर रहमान बर्क जैसे नेताओं के बयान इस चुनाव को और भी विवादास्पद बना रहे हैं। नतीजों का इंतजार है, जो प्रदेश की राजनीति की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।

Digikhabar Editorial Team
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