नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का नवीनतम सत्र सोमवार को शुरू हुआ। यह सत्र भाजपा की रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार आयोजित किया गया। सत्र के पहले दिन नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई।
विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव
इस सत्र के दौरान, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित करने का प्रस्ताव रखेंगी। वहीं, मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से विजयी वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन सिंह बिष्ट को उपाध्यक्ष पद पर चुने जाने की संभावना है।
CAG की 14 लंबित रिपोर्ट पेश होने की संभावना
सत्र के दौरान, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्टों को सदन में पेश किया जाएगा। इस पर भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तीखी बहस होने की संभावना जताई जा रही है।
महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह सहायता का मुद्दा
दिल्ली में सत्ता संभालने के बाद, भाजपा ने महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह सहायता देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण से पहले घोषणा की थी कि दिल्ली की महिलाओं को इसका पहला भुगतान 8 मार्च (अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस) को मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर AAP इस सत्र में भाजपा को घेरने की तैयारी में है।
विपक्ष की भूमिका में आप, अतीशी बनीं नेता प्रतिपक्ष
पूर्व मुख्यमंत्री अतीशी को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता (LoP) नियुक्त किया गया है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपनी सीट कालकाजी से बचा ली थी।
राजकोषीय स्थिति को लेकर भाजपा-आप में विवाद
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया कि AAP सरकार ने खाली खजाना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “जब हमने अधिकारियों के साथ मौजूदा वित्तीय स्थिति की समीक्षा की, तो पाया कि सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली है।”
इस पर अतीशी ने पलटवार करते हुए कहा कि AAP सरकार ने भाजपा को “वित्तीय रूप से मजबूत” सरकार सौंपी है और भाजपा को “बहाने बनाना बंद करके अपने वादों पर अमल करना चाहिए।” उन्होंने यह भी बताया कि जब AAP ने 2015 में दिल्ली की सत्ता संभाली थी, तब बजट ₹30,000 करोड़ था, जो 2025 तक बढ़कर ₹70,000 करोड़ हो गया।
चुनाव परिणाम और सत्ता परिवर्तन
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत हासिल की और AAP को सत्ता से बाहर कर दिया। वहीं, AAP 62 सीटों से घटकर केवल 22 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस एक भी सीट जीतने में असफल रही।
इस सत्र में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले और तीखी बहसें होने की संभावना है। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपनी सरकार को किस तरह आगे बढ़ाती है और आप विपक्ष की भूमिका में कैसा प्रदर्शन करती है।