
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के तहत एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2025 से 15 साल से पुराने वाहनों को पेट्रोल पंपों से पेट्रोल नहीं मिलेगा। यह घोषणा दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने शनिवार (1 मार्च) को की।
प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, एंटी-स्मॉग उपायों को अनिवार्य बनाना, और इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना बैठक के प्रमुख मुद्दों में शामिल रहे।
उन्होंने कहा, “हम पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगा रहे हैं, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें पेट्रोल देने से रोकेंगे।” इसके लिए सरकार जल्द ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित करेगी।
दिल्ली की 90% CNG बसें दिसंबर 2025 तक होंगी बंद
मंत्री सिरसा ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली में 90% सार्वजनिक CNG बसों को दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें लाई जाएंगी। यह निर्णय दिल्ली में स्वच्छ और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।
क्लाउड सीडिंग से कम किया जाएगा प्रदूषण
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) का सहारा लेने की योजना भी बना रही है। मंत्री सिरसा ने कहा, “हम क्लाउड सीडिंग के लिए सभी आवश्यक मंजूरी लेंगे ताकि जब दिल्ली में प्रदूषण गंभीर हो जाए, तो कृत्रिम बारिश के जरिए इसे कम किया जा सके।”
दिल्ली के लोगों पर क्या असर पड़ेगा
- पुराने वाहन मालिकों को समस्या: 15 साल पुराने वाहनों के मालिकों को या तो नई गाड़ी खरीदनी होगी या फिर अन्य विकल्प तलाशने होंगे।
- सार्वजनिक परिवहन में बड़ा बदलाव: 2025 के अंत तक CNG बसें हटने से पूरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इलेक्ट्रिक बसों पर निर्भर हो जाएगी।
- प्रदूषण नियंत्रण की नई रणनीति: क्लाउड सीडिंग जैसे बड़े कदमों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली सरकार के ये फैसले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। अब देखना होगा कि इन उपायों से राजधानी की हवा कितनी साफ हो पाती है।