वेल्लोर (तमिलनाडु): तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले के कट्टुकोल्लई गांव में एक चौंकाने वाला विवाद सामने आया है जहां वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को अपना बताया है। करीब 150 हिंदू परिवारों को नोटिस भेजकर कहा गया है कि वे जिस जमीन पर रह रहे हैं, वह स्थानीय दरगाह की वक्फ संपत्ति है – या तो खाली करें या किराया दें।
गांव पर अचानक ‘वक्फ’ का दावा
इन नोटिसों पर हस्ताक्षर हैं एफ सैयद सथाम के, जो 2021 में अपने पिता की मृत्यु के बाद दरगाह के मुतवल्ली बने। उन्होंने दावा किया कि सर्वे नंबर 362 वाली जमीन 1954 से वक्फ संपत्ति है और अब वे इस पर पुनः नियंत्रण चाहते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय निवासी बालाजी ने वक्फ भूमि पर घर और दुकान बना ली है। अब सथाम चाहते हैं कि सभी निवासी दरगाह से अनुमति लें, किराया चुकाएं और वक्फ कानूनों का पालन करें, वरना कानूनी कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों का पलटवार
इस नोटिस से नाराज़ ग्रामीणों ने कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। सभी परिवार खेती-किसानी से जुड़े हैं और उनके पास जमीन के सरकारी दस्तावेज मौजूद हैं।
हिंदू मुन्नानी नेता महेश ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और प्रशासन से मांग की कि:
- जमीन पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया जाए
- बेदखली की धमकी पर तत्काल रोक लगे
उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड ने अब सर्वे नंबर 330/1 को भी अपनी संपत्ति बताया है।
कलेक्टर ने दी राहत की फुहार
जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों को फिलहाल किराया न देने की सलाह दी है। वहीं, सथाम का कहना है कि यदि जवाब नहीं आया तो हाईकोर्ट जाएंगे और दो और नोटिस भेजे जाएंगे।
कहां चूक हुई?
सथाम का दावा है कि उनके पिता अनपढ़ थे, इसलिए उन्होंने किराया नहीं लिया। अब वह इस “भूल” को सुधारना चाहते हैं। लेकिन ग्रामीणों का सवाल है – “जब उनके पिता ने कभी किराया नहीं मांगा, तो अब ये नया फरमान क्यों?”