IPL में धमाकेदार एंट्री: सिर्फ 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने रच दिया इतिहास, कौन है Vaibhav Suryavanshi

IPL में धमाकेदार एंट्री: सिर्फ 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने रच दिया इतिहास, कौन है Vaibhav Suryavanshi
IPL में धमाकेदार एंट्री: सिर्फ 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने रच दिया इतिहास, कौन है Vaibhav Suryavanshi

जयपुर: महज 14 साल और 23 दिन की उम्र में आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से डेब्यू करते हुए वैभव सूर्यवंशी ने लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ ऐसी पारी खेली कि पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया। बिहार के समस्तीपुर से आने वाले इस युवा बल्लेबाज ने अपने पहले ही मैच में 20 गेंदों पर 34 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें तीन शानदार छक्के शामिल थे। वैभव की पहली ही गेंद पर छक्का मारने की शैली ने क्रिकेट प्रेमियों से लेकर गूगल सीईओ सुंदर पिचाई तक को उनका दीवाना बना दिया। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये में मेगा ऑक्शन में खरीदा था और तब से ही उनके डेब्यू का बेसब्री से इंतजार हो रहा था। वैभव पहले ही 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में बिहार की ओर से खेल चुके हैं और 13 साल की उम्र में विजय हजारे ट्रॉफी में लिस्ट ए डेब्यू कर भारत के सबसे युवा खिलाड़ियों में शुमार हो चुके हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 टेस्ट मैच में 58 गेंदों में शतक ठोककर तहलका मचा दिया था, जो इस फॉर्मेट में भारत की ओर से सबसे तेज़ शतक है। वैभव के कोच मनीष ओझा ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “लोगों ने उसकी ताकत देखी, मैंने उसकी बॉडी पोजिशन, बैट स्विंग और टाइमिंग देखी। अगर सिर्फ ताकत से छक्के लगते तो पहलवान क्रिकेट खेलते।”

उन्होंने बताया कि वैभव रोज़ाना 600 गेंदें खेलकर अभ्यास करता था, जबकि बाकी खिलाड़ी मुश्किल से 50 गेंदों तक सीमित रहते थे। ओझा ने कहा, “मैंने यूट्यूब पर वैभव की करीब 40 ट्रेनिंग वीडियो डाली हैं। उसका बैट स्विंग युवराज सिंह जैसा है।” वैभव की क्रिकेट यात्रा में उनके पिता संजीव सूर्यवंशी की भूमिका भी बेहद अहम रही। कोच ने बताया, “संजिव जी हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर सफर तय करते थे ताकि वैभव को मैच खिलाने ले जा सकें। वैभव के लिए नहीं, बल्कि नेट बॉलर्स के लिए भी वे खाना पैक करते थे। 10 टिफिन हर दूसरे दिन ले जाना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।”

राजस्थान रॉयल्स कैंप में वैभव ने सीनियर खिलाड़ियों की तरह ही प्रैक्टिस की। हेड कोच राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने उन्हें कोई विशेष रियायत नहीं दी। उन्होंने 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से होने वाली थ्रोडाउन का भी सामना किया और खुद को तैयार किया। वैभव की यह पहली पारी दिखाती है कि भारत को एक और क्रिकेटिंग रत्न मिल चुका है। क्रिकेट जगत को अब इस युवा बल्लेबाज़ से बड़ी उम्मीदें हैं।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।