गुजरात के वडोदरा में पुल गिरने से बड़े हादसे में 15 लोगों की मौत, शवों की तलाश जारी

गुजरात के वडोदरा में पुल गिरने से बड़े हादसे में 15 लोगों की मौत, शवों की तलाश जारी
गुजरात के वडोदरा में पुल गिरने से बड़े हादसे में 15 लोगों की मौत, शवों की तलाश जारी

वडोदरा, गुजरात: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे एक बड़ा हादसा हुआ, जब 43 साल पुराना पुल अचानक टूट गया और कई वाहन महिसागर नदी में जा गिरे। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 15 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य भी शामिल हैं, जबकि 9 लोग घायल हुए हैं।

पुल के टूटने के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। एक टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर लटकता रह गया, जिसे बाद में सुरक्षित हटाया गया। दुर्घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

शवों की तलाश जारी, अब तक 15 मौतों की पुष्टि

शाम 8 बजे तक वडोदरा के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। इसके एक घंटे बाद एक और शव नदी से बरामद किया गया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। गुरुवार सुबह तक कुल 15 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। अब भी कुछ लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है और उनकी तलाश जारी है।

दर्ज हुआ आकस्मिक मृत्यु का मामला

पुलिस ने इस मामले में आकस्मिक मृत्यु का केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि “जैसे ही राहत कार्य पूरा होता है, जांच शुरू की जाएगी। जिला कलेक्टर से आधिकारिक जांच की भी मांग की गई है।” सभी मृतकों के शवों को पदरा रेफरल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया दुख

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए सड़क और भवन विभाग से जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए शोक व्यक्त किया।

यह पुल वडोदरा के पदरा तालुका के मुझपुर गांव में स्थित था और मुझपुर को आनंद जिले के गम्भीरा गांव से जोड़ता था। यह एक किलोमीटर लंबा पुल सौराष्ट्र और मध्य गुजरात को जोड़ने वाले यात्रियों के लिए एक प्रमुख मार्ग था, जो शहरी ट्रैफिक से बचने के लिए इस रास्ते का उपयोग करते थे।

मृतकों में शामिल हैं:

  • रमेश पाढियार, वेदिका पाढियार, और नैतिक पाढियार (दरीयापुरा से)
  • हसमुख परमार (मजताण से)
  • वखतसिंह जाडव (कहनवा से)
  • प्रवीन जाडव (उंडेल से)

ईको वैन में सवार थे 9 लोग, केवल एक जीवित बची

एक ईको वैन जो हादसे का शिकार हुई, उसमें 9 लोग सवार थे। केवल सोनल पाढियार ही जीवित बच पाईं। उनके पति, बेटी और दो साल के पोते की इस दुर्घटना में मौत हो गई।

यह हादसा न केवल एक तकनीकी लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है कि पुराने और जर्जर हो चुके बुनियादी ढांचे की समय रहते जांच और मरम्मत आवश्यक है।