GenZ Protest: नेपाल में बवाल, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को पीटते हुए भीड़ ने उठाया, अब तक सुराग नहीं

GenZ Protest: नेपाल में बवाल, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को पीटते हुए भीड़ ने उठाया, अब तक सुराग नहीं
GenZ Protest: नेपाल में बवाल, विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को पीटते हुए भीड़ ने उठाया, अब तक सुराग नहीं

काठमांडू: नेपाल में चल रहे भीषण भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने मंगलवार को एक और खतरनाक मोड़ ले लिया, जब गुस्साई भीड़ ने देश की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा को न केवल निशाना बनाया, बल्कि कथित तौर पर उन्हें बुरी तरह पीटने के बाद अपने साथ ले गई। फिलहाल आरजू का कोई अता-पता नहीं है, जिससे देश में बेचैनी और तनाव और गहरा गया है।

मामला उस वक्त गंभीर हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू के बुदानिलकांठा क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के निजी आवास पर धावा बोल दिया। वहां मौजूद भीड़ ने घर में जमकर तोड़फोड़ की और अंदर मौजूद दोनों नेताओं पर हमला कर दिया। एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि आरजू राणा देउबा को भीड़ लात-घूंसों से पीट रही है, जबकि देउबा लहूलुहान हालत में नजर आ रहे हैं।

सेना ने बचाई जान, लेकिन आरजू का अब तक सुराग नहीं

सेना की त्वरित कार्रवाई के बाद पूर्व प्रधानमंत्री देउबा को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन आरजू राणा का कोई सुराग नहीं लग सका है। सुरक्षाबलों को संदेह है कि प्रदर्शनकारी उन्हें जबरन अपने साथ ले गए। फिलहाल उनकी तलाश के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया गया है।

सेना प्रमुख की अपील भी बेअसर

देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए नेपाली सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को वार्ता की मेज़ पर आना चाहिए और देश को अराजकता से बचाना चाहिए। लेकिन सेना प्रमुख की अपील के बावजूद भीड़ का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा।

पूरे देश में बेकाबू हालात, कई नेता बने निशाना

मंगलवार को राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में सरकारी इमारतों, राजनीतिक नेताओं के घरों, पार्टी कार्यालयों और यहां तक कि पुलिस स्टेशनों तक को आग के हवाले कर दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के घर पर भी हमला हुआ, जिसमें उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार झुलस गईं और अस्पताल में दम तोड़ गईं।

क्यों भड़का ये जनसैलाब?

यह सारा उबाल सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद फूटा। सोशल मीडिया पर रोक, बढ़ता भ्रष्टाचार और नेताओं की जवाबदेही में कमी ने युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। ‘Gen Z आंदोलन’ के बैनर तले जुटी भीड़ अब केवल सोशल मीडिया की बहाली नहीं, बल्कि पूरे राजनीतिक ढांचे में बदलाव की मांग कर रही है।

Digikhabar Team
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