‘Make In India’ की 11वीं वर्षगांठ, भारत बना Global Manufacturing Hub, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गिनाई उपलब्धियां

‘Make In India’ की 11वीं वर्षगांठ, भारत बना Global Manufacturing Hub, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गिनाई उपलब्धियां
‘Make In India’ की 11वीं वर्षगांठ, भारत बना Global Manufacturing Hub, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गिनाई उपलब्धियां

नई दिल्ली: ‘मेक इन इंडिया’ पहल की 11वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इस कार्यक्रम के देश के औद्योगिक क्षेत्र पर पड़े गहरे और सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत को वैश्विक विनिर्माण शक्ति में बदलने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उद्देश्य देश के औद्योगिक आधार को पुनर्जीवित करना और भारत को एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना था। 11 वर्षों बाद, मंत्री गोयल ने कहा, “यह विजन अब एक सशक्त सच्चाई बन चुका है, जिसने भारत को एक वैश्विक विनिर्माण शक्ति में बदल दिया है।”

उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण आधार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना रही है, जिसने कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित किया है।

मंत्री गोयल ने यह भी कहा कि यह पहल उस समय लाई गई थी जब देश की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आई थी और विकास की गति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण बन गया था। उस संकटपूर्ण समय में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को एक ऐसे विजन के रूप में प्रस्तुत किया गया था जो भारत के औद्योगिक भविष्य को नया आयाम दे सकता है।

‘मेक इन इंडिया’ का मूल उद्देश्य निवेश को प्रोत्साहित करना, नवाचार को बढ़ावा देना और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करना रहा है। यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ के मूलमंत्र पर आधारित रही है, जिसका मकसद न केवल घरेलू निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना है बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की औद्योगिक ताकत को प्रदर्शित करना भी है।

गोयल ने कहा कि पहल का अगला चरण, ‘मेक इन इंडिया 2.0’, अब 27 क्षेत्रों को कवर करता है और यह कार्यक्रम नई ऊर्जा और विस्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसे भारत की युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन और देश की आर्थिक प्रगति को गति देने का एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया।

उन्होंने कहा कि “भारत अब केवल उपभोग करने वाला नहीं, बल्कि निर्माण करने वाला राष्ट्र बन चुका है। ‘मेक इन इंडिया’ का यह सफर न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और तकनीकी बदलावों के लिहाज से भी ऐतिहासिक रहा है।”

भारत अब दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो तेज़ गति से औद्योगिक और तकनीकी क्षमता का विकास कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में ‘मेक इन इंडिया’ भारत की आत्मनिर्भरता की रीढ़ बनेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को और अधिक मज़बूती देगा।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।