
पटना: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी ने गुरुवार, 9 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में कई चर्चित नाम शामिल हैं, जो पार्टी की रणनीतिक तैयारी को दर्शाते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह को अस्थावां से टिकट मिला है, जबकि महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को समस्तीपुर जिले के मोरवा से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, मशहूर भोजपुरी गायक रितेश पांडेय को करगहर से टिकट दिया गया है। पार्टी ने प्रसिद्ध गणितज्ञ केसी सिन्हा को पटना के कुम्हरार सीट से मैदान में उतारा है।
इस सूची के जारी होने के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रशांत किशोर अब राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। पहले उन्होंने संकेत दिए थे कि वे या तो अपने जन्मस्थान करगहर या राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। चूंकि करगहर सीट से अब रितेश पांडेय को टिकट मिल चुका है, ऐसे में राघोपुर से प्रशांत किशोर की उम्मीदवारी की संभावना मजबूत हो गई है।
प्रशांत किशोर आगामी शनिवार से राघोपुर से अपना चुनावी अभियान शुरू करने जा रहे हैं, जिससे यह तय माना जा रहा है कि वह इसी सीट से मैदान में उतर सकते हैं। राघोपुर सीट का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह लालू प्रसाद यादव और बाद में तेजस्वी यादव की पारंपरिक सीट रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में होंगे 6 नवंबर और 11 नवंबर, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बार का चुनाव राज्य की राजनीति में अहम बदलाव ला सकता है, क्योंकि पारंपरिक गठबंधनों में मतदाता थकावट और अंदरूनी कलह के चलते नए विकल्पों की तलाश में हैं।
वर्तमान विधानसभा में स्थिति
इस समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 131 सीटें हैं – बीजेपी (80), जेडीयू (45), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (4), और दो निर्दलीय।
वहीं महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं – आरजेडी (77), कांग्रेस (19), सीपीआई (एमएल) (11), सीपीआई (2), और सीपीएम (2)।
इस बार का चुनाव एक त्रिकोणीय मुकाबले में बदलता दिख रहा है, जिसमें एनडीए, इंडिया गठबंधन और जन सुराज पार्टी आमने-सामने होंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जन सुराज पार्टी कई सीटों पर समीकरण बदल सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक पार्टियों के खिलाफ जन असंतोष है।
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं। अब प्रशांत किशोर की एंट्री ने इस बार के चुनाव को और रोचक बना दिया है, जिससे स्पष्ट बहुमत किसी एक गठबंधन को मिलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।