पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को एक मानहानि केस में सुनवाई के लिए बेंगलुरु की एक अदालत पहुंचे. पिछले साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार से जुड़े इस मानहानि केस में कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी. भाजपा की कर्नाटक यूनिट की तरफ से दर्ज इस मानहानि केस में राहुल गांधी के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों कांग्रेसी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की तत्कालीन राज्य सरकार को भ्रष्टाचारी बताकर उसके खिलाफ झूठा दुष्प्रचार किया है. कोर्ट ने सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार को 1 जून को ही जमानत दे दी थी, जबकि राहुल गांधी को जमानत शुक्रवार को दी गई है. आपको बता दें कि पिछले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर झूठे दुष्प्रचार के लिए समाचारपत्रों में झूठे विज्ञापन देने का आरोप लगाया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बासवराज बोम्मई ने इन विज्ञापनों के लिए राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार को जिम्मेदार बताया था. राहुल गांधी पर यह अपमानजनक विज्ञापन अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था.
सुल्तानपुर के MP-MLA कोर्ट में टाली गई सुनवाई
बता दें कि शुक्रवार को ही बेंगलुरु के अलावा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के MP-MLA कोर्ट में भी राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस मामले पर सुनवाई होनी थी। इस मामले की सुनवाई को अब टाल दिया गया है. इस मामले की सुनवाई अब 18 जून को होगी।सुल्तानपुर जिले के बीजेपी नेता विजय मिश्र ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में मानहानि का केस दर्ज कराया था। राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त 2018 को सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट में मानहानि की याचिका दायर की गई थी।
मानहानि केस में राहुल गांधी हैं पुराने खिलाड़ी
राहुल गांधी मानहानि के कई मामलों में फंस चुके हैं. राहुल गांधी को इससे पहले गुजरात के सूरत की सीजेएम कोर्ट भी मानहानि के एक केस में दो साल की सजा सुना चुकी है. 23 मार्च, 2023 को सुनाई गई यह सजा उनकी मोदी सरनेम को लेकर किए गए कमेंट से जुड़े मानहानि मामले में की गई थी. इसके चलते 24 मार्च को लेकसभा सचिवालय ने भी राहुल को संसद सस बेदखल कर दिया था. इससे उनकी वायनाड सीट से संसद सदस्यता भी चली गई थी. हालांकि बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगाकर उन्हें राहत दे दी थी. हालांकि राहुल इससे पहले ही 22 अप्रैल को अपना बंगला खाली कर चुके थे.