अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से महिलाओं, पुरुष और बच्चों समेत कम से कम 107 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ एक ‘सत्संग’ (प्रार्थना सभा) के दौरान हुई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त तस्वीरों में कई शवों को रोते-बिलखते रिश्तेदारों की मौजूदगी में बसों और टेम्पो में लाया जाता हुआ दिखाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर संज्ञान लिया है और उनके निर्देश पर घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने कहा, “हमें 27 शव मिले हैं, जिनमें से 25 महिलाएं और दो पुरुष हैं। कुछ घायलों को भी अस्पताल ले जाया गया है। हमने सुना है कि ‘सत्संग’ के दौरान भगदड़ मची थी।”
एटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में मची भगदड़ में मारे गए लोगों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। राजेश कुमार ने कहा, “अब तक 27 शव अस्पताल भेजे जा चुके हैं, जिनमें 23 महिलाएं और तीन बच्चे हैं।” सत्संग में शामिल एक महिला ने बताया कि यह स्थानीय गुरु के सम्मान में आयोजित किया गया था और भीड़ के जाने के बाद भगदड़ मच गई।
एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने तथा घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के दो मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह गांव के लिए रवाना हो गए हैं तथा मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी वहां भेजा गया है।
मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। समिति की अध्यक्षता आगरा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ के आयुक्त करेंगे।