पहले चरण के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता ने बताया किस पार्टी को पड़े है कितने वोट

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पहले चरण के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता ने बताया किस पार्टी को पड़े है कितने वोट

पहले चरण के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता ने बताया किस पार्टी को पड़े है कितने वोट

उत्तर प्रदेश में हाल ही में आठ सीटों पर मतदान संपन्न हुआ, जिसमें कुल 57.90% मतदान हुआ। भागीदारी को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में कम मतदान हुआ, जिसमें रामपुर में सबसे कम वोट पड़े। उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर चुनाव हुए उनमें सहारनपुर, बिजनौर, कैराना, मुजफ्फरनगर, नगीना (आरक्षित), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत शामिल हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, सहारनपुर लोकसभा सीट पर 63.29 फीसदी, मुरादाबाद में 57.83 फीसदी, कैराना में 60.39 फीसदी, नगीना में 59.17 फीसदी, पीलीभीत में 60.23 फीसदी, बिजनौर में 54.68 फीसदी, रामपुर में 52.42 फीसदी और मुजफ्फरनगर में 54.91 फीसदी मतदान हुआ। ये निर्वाचन क्षेत्र वो हैं जो की बताता है कि यूपी की कुर्सी पर कौन बैठेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिनवा ने बताया कि शाम छह बजे तक अधिकांश केन्द्रों पर मतदान पूरा हो गया था। रिनवा ने कहा कि चुनाव पूरी तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। रिनवा ने कहा कि इन सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव के तुलनात्मक आंकड़े के साथ मतदान प्रतिशत का अंतिम आंकड़ा शनिवार को सुबह जारी किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में मतदान शुरु होने के बाद शाम पांच बजे तक कुल 50 बीयू यानि बैलेट यूनिट, 50 सीयू यानि कंट्रोल यूनिट और 152 वीवीपैट बदले गए। पहले चरण के चुनाव में विभिन्न दलों के कुल 80 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 73 पुरुष और सात महिलाएं शामिल हैं। मुरादाबाद से 12, कैराना से 14, मुजफ्फरनगर और 0बिजनौर से 11-11, सहारनपुर और पीलीभीत से 10-10, नगीना और रामपुर से 6-6 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रथम चरण के आठ लोकसभा क्षेत्रों में 1.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 76.23 लाख पुरुष, 67.14 लाख महिला और 824 मतदाता तृतीय लिंगी हैं। पुलिस महानिदेशक कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रथम चरण के मतदान को देखते हुए संबंधित नौ जिलों में 248 चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां वाहनों और संदिग्ध लोगों की सघन जांच जारी है।

लोकसभा चुनाव के पहले फेज में यूपी की इन 8 सीटों पर जातिगत समीकरण क्या है, और किस पार्टी का पलड़ा भारी है, ये भी जान लीजिए।

पीलीभीत

पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से तो उसकी आबादी 25 लाख के आस पास है और वोट 18 लाख से ज्यादा है। जातिगत आंकड़ों पर नजर डाले तो 5 लाख के आस पास मुस्लिम, किसान 3 से 4 लाख के बीच और कुर्मी वोट लगभग 2 लाख है, और यह क्षेत्र मेनका और वरुण गांधी के लोकसभा क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।

बिजनौर

दूसरे नंबर पर बात करें तो बिजनौर लोकसभा में पांच विधानसभा सीट है। इसमें अगर जातिगत वोटर की बात करें तो करीब साढ़े 4 लाख से 5 लाख के आसपास मुस्लिम वोटर हैं। जबकि तक़रीबन चार से साढे चार लाख के बीच दलित वोटर हैं, डेढ़ से पौने दो लाख के करीब जाट वोटर हैं, और इसके अलावा 50 से 75 हजार के बीच में गुर्जर वोटर है और 50 से 60 हजार के बीच में ब्राह्मण वोटर है. वही इसके अलावा चौहान त्यागी अन्य जातीय सहित कई अन्य जातियों का भी वोट इसमें शामिल है। अगर हम निर्णायक वोटरों की बात करें तो इस सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर हमेशा निर्णायक रहा है। बिजनौर लोकसभा के इतिहास की बात करें तो राम मंदिर आंदोलन के बाद से यानी 1991 से अब तक भारतीय जनता पार्टी चार बार इस सीट पर अपना कब्जा जमा चुकी है लेकिन फिलहाल में इस सीट पर कब्जा बसपा का है।

नगीना

हाथ की नक्काशी के लिए जाना जाने वाला नगीना की तो इस सीट पर मुसलमानों की संख्या सबसे ज्यादा है। करीब साढ़े 7 लाख वोटर इसमें मुसलमान है. दलित वोटर की संख्या लगभग साढे चार लाख के आसपास है. और 2009 में यह सीट अस्तित्व में आई और इस पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ। इस सीट पर सपा और बसपा के गठबंधन के चलते बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी गिरीश चंद्र इस सीट पर विजय रहे जो वर्तमान में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

कैराना

अब बात करते हैं हिन्दू, मुसलमान गुज्जर बहुल्य इलाका कैराना का ये इलाका हिन्दू और मुसलमान गुजर बहुल्य माना जाता है, कैराना लोकसभा में पांच विधानसभा सीट मौजूद है। जिसमें कैराना, शामली, थाना भवन नुकुड और गंगोह विधानसभा सीट है। कैराना लोकसभा में जातीय समीकरण की बात करें तो यहाँ पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। जिनकी संख्या करीब 5.45 लाख के आसपास है। उसके बाद दलित वर्ग के तकरीबन ढाई लाख वोटर है. कैराना में तकरीबन ढाई लाख के आसपास जाट वोटर है। इस सीट पर बीजेपी के प्रदीप चौधरी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

सहारनपुर

सहारनपुर लोकसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोट डिसाइडिंग फ़ैक्टर रहते हैं, जो इसे राजनीतिक दलों के लिए अहम बनाता है. मुरादाबाद लोकसभा की बात करें तो उसमे कुल 5 विधानसभा आती हैं। 2019 के चुनाव के आंकड़ों के अनुसार मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में करीब 19 लाख 41 हजार 2 सौ वोटर हैं। इसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 8 लाख 80 हजार है, जो कुल मतों का 45 फीसदी से अधिक है। अनुसूचित जाति के जाटव मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 80 हजार और वाल्मीकि वोटर 43 हजार है, जो कुल मतों का करीब 10 प्रतिशत है। इनमें करीब 29 हजार वोटर यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं, इसके अलावा 1 लाख 50 हजार ठाकुर, 1 लाख 49 हजार सैनी, 3 लाख 55 हजार अन्य वोटर हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट से महागठबंधन से प्रत्याशी बने बसपा के हाजी फजलुर्रहमान ने 5 लाख 14 हजार वोट पाकर जीत दर्ज की थी

मुजफ्फरनगर

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर अगर जातिगत आंकड़ों की बात करें तो इसी सीट पर 2019 चुनाव के अनुमानित आकड़ो के मुताबिक लगभग 17 लाख के आसपास मतदाता है. जिसमें लगभग 5 लाख मुस्लिम, 2 लाख दलित, डेढ़ लाख जाट, 1 लाख 30 हजार कश्यप, 1 लाख 20 हजार सैनी, 1 लाख 15 हजार वैश्य और लगभग 4 लाख80 हजार ठाकुर, गुर्जर, और अन्य बिरादरियाँ है। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर लगातार बीजेपी जीत हासिल करती आई है, और इस बार भी अपने जाट चेहरे संजीव बालियान को तीसरी बार मैदान में उतारा है।

रामपुर

अब रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख से अधिक मतदाता है। 2019 के आंकड़ों की बात करे तो इनमें करीब 8 लाख 72 हजार 84 वोटर पुरुष हैं जबकि 7 लाख 44 हजार 900 महिला वोटर हैं। 2011 की गणना के अनुसार रामपुर क्षेत्र कुल 50.57 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है, जबकि 45.97 प्रतिशत से अधिक हिंदुओं की जनसंख्या है। यही कारण है कि यहां के मतदाता दूसरे धर्म या जाति वाले प्रत्याशी को चुनने में किसी तरह का कोई गुरेज नहीं करते हैं. रामपुर लोकसभा की राजनीतिक पृष्ठभूमि से इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े दल के रूप में कांग्रेस की फेहरिस्त में यहां की सीट भी है. जबकि सपा भी यहां पर मजबूत दावा पेश करती देखी जा सकती है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के दिग्गजों ने भी विरोधियों को कई मौके पर चुनावी रण में धूल चढ़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।

Digikhabar Editorial Team
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