कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने बुधवार को कहा कि 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन करने का फैसला ही कांग्रेस की दिल्ली में कमजोरी का कारण बना। माकन ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में AAP के साथ फिर से गठबंधन करने की गलती को सुधारने की जरूरत है।
माकन ने यह बयान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जहां उन्होंने AAP और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकारों की काली करतूतों पर एक श्वेत पत्र जारी किया। माकन, जो दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, ने कहा, “मुझे लगता है कि आज दिल्ली की हालत और कांग्रेस की कमजोरी का कारण सिर्फ यह है कि हमने 2013 में AAP का 40 दिन तक समर्थन किया था।”
माकन ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस ने 2013 में अरविंद केजरीवाल को सरकार बनाने में मदद नहीं की होती, तो शायद दिल्लीवासियों को वह समस्याएं नहीं झेलनी पड़तीं, जो वे आज तक झेल रहे हैं।
2013 में, अरविंद केजरीवाल ने शिला दीक्षित को हराकर न्यू दिल्ली विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। केजरीवाल ने 28 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी से वह थोड़ा पीछे रहे थे। कांग्रेस-AAP का गठबंधन सिर्फ 49 दिनों तक चला। इसके बाद, 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटें जीत लीं, बीजेपी सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई, और कांग्रेस ने इस चुनाव में खाता भी नहीं खोला।
इसके बाद माकन ने अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के सहारे सत्ता में आई थी, लेकिन पंजाब में जहां AAP की सरकार है, वहां जनलोकपाल तक नहीं बना पाई। माकन ने केजरीवाल को “फर्जीवाल” कहकर संबोधित किया और कहा कि उनका असली चेहरा सामने आ गया है।
माकन ने आरोप लगाया कि AAP ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास को फिर से बनाने पर पैसे खर्च किए, जबकि आम लोग परेशान थे। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच झगड़े के कारण वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई।
माकन ने केजरीवाल को “देशद्रोही” भी कहा और कहा कि वह बीजेपी के साथ विचारधारात्मक समर्थन रखते हैं, खासकर जैसे मुद्दों पर- समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370 का निरसन और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम। माकन ने सवाल उठाया, “कैसे हम ऐसे व्यक्ति पर भरोसा कर सकते हैं, जो केवल अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से प्रेरित है?”
अजय माकन के इन बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस में AAP के साथ किसी भी भविष्य के गठबंधन के खिलाफ एक मजबूत असंतोष और निराशा है।