आर्टिकल 370 की गंभीरता क्या है ?

आर्टिकल 370 भारत के संविधान की एक ऐसी धरा है जो जम्मू और कश्मीर को एक “स्पेशल स्टेटस” देती थी, जिसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर के लिए कुछ अलग सम्बन्धो को स्थापित किया गया था, जैसे की भारत के संविधान से अलग अपना ही एक संविधान और अलग झंडा और तो और जम्मू कश्मीर के निवासियों के कुछ खास अधिकार और कुछ खास बंदिशे भी तय की गई थी इस आर्टिकल के अंतर्गत ही।

आर्टिकल 370 भारत के संविधान का एक विशेष अंग है जो जम्मू कश्मीर की विशेषता को दर्शाता है। इस धरा के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर को एक अलग अपनी ही विधान सभा और स्वतंत्रता मिलती थी और अलग शासन प्रणाली भी। लेकिन 2019 में भारत सरकार ने इस धरा को समाप्त कर दिया जिससे जम्मू कश्मीर की विशेषताएं समाप्त हो गयी और उससे भी भारत के अन्य राज्यों की तरह सामान अधिकार मिले।

पर भारत सरकार ने यह कदम उठाया क्यों? क्या ज़रूरत थी आर्टिकल 370 को रद्द करने की ? आखिर क्या थे आर्टिकल 370 के नुकसान ?

आर्टिकल 370 के कुछ नुकसान और प्रभाव थे :

1. एक रहस्यमय और अलग प्रणाली : आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर का अलग संविधान था जिसमे देश के अन्य हिस्सों से अलग प्रशासन और व्यवस्था थी, इससे एक बुनियादी रूप से सामान प्रशासन और एकीकरण में कमी होती थी।
2. विकास की कमी : कुछ लोग मानते थे की आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर के विकास पर रोक थी, क्यूंकि राष्ट्रीय योजनाओं और नियमों को यहाँ लागु नहीं किया जा सकता था, जो अन्य भारतीय राज्यों में थे।
3. भारत का एकीकरण : आर्टिकल 370 के कारण जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अलग अधिकार थे जो भारत के अन्य हिस्सों से भिन्न थे और ये देश के एकीकरण में रूकावट बनते थे।
4. सामाजिक और आर्थिक विकास : अलग विशेषताएं और संविधानिक स्तिथि को बनाये रखना यहाँ के निवासिओं को बाकि भारत के नागरिको से अलग रखता था।
5. अतंगवाद को बढ़ावा : आर्मी को एक्शन लेने के लिए पहले दिल्ली मे इजाजत लेनी पड़ती थी, जिस वजह से अतंगवाद को बढ़ावा मिलता था।

इन्ही कारणों को मद्दे नज़र रखते हुए 2019 में केंद्रीय सरकार ने इस आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया। केवल नुकसान ही नहीं इस आर्टिकल के कुछ फायदे भी बताये गए हैं जिस वजह से इससे हटाने की प्रेरणा मिली।
आर्टिकल 370 हटाने के कुछ फायदे हैं :
1. एक सामान भारत : आर्टिकल 370 का हटना, जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ एक सामान राज्य बनाता है, इससे देश की एकता और समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
2. नागरिक अधिकार :अब जम्मू कश्मीर के नागरिको को भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों की तरह सामान अधिकार मिलते हैं, जैसे की शिक्षा और रोजगार।
3. विकास और निवेश : हटाए गए आर्टिकल 370 ने जम्मू कश्मीर में विकास और निवेश के रस्ते को खोला है , अब यहाँ पर शिक्षा, उद्योग, और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में विस्तार किया जा सकता है।
4. संविधानिक समानता : आर्टिकल 370 का हटना भारत के संविधानिक समानता का प्रतिक है जिससे संविधानिक प्रणाली में एकीकरण और समानता की भावना को भी बढ़ावा मिलता है।
5. अतंगवाद से छुटकारा : आर्टिकल 370 हटने से आर्मी को तुरंत एक्शन लेने की स्वतंत्रता मिली जिससे जम्मू कश्मीर में पनप रहे अतंगवाद को गहरी चोट लगी।

केवल इतना ही नहीं आर्टिकल 370 के पीछे एक कहानी भी है जिससे जानना और समझना अनिवार्य है और उसी कहानी को दिखाया गया था विवेक अग्निहोत्री की फिल्म “कश्मीरी फाइल्स” में और अब एक और फिल्म आ रही है जिसका नाम है “आर्टिकल 370 ” जो इस विषय को समझने में मजबूत भूमिका निभाएगी।

Digikhabar Editorial Team
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