वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, 73 याचिकाओं पर होगा विचार

वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, 73 याचिकाओं पर होगा विचार
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई, 73 याचिकाओं पर होगा विचार

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में आज यानी बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है। इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 73 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं। ये याचिकाएं न सिर्फ मूल वक्फ अधिनियम 1995 को, बल्कि उसके हालिया संशोधनों को भी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताकर खारिज करने की मांग कर रही हैं।

तीन जजों की पीठ करेगी सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वक्फ कानून में किए गए संशोधन मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला हैं और इससे वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी।

राजनीतिक और धार्मिक संगठनों का विरोध

वक्फ अधिनियम के खिलाफ याचिकाएं दायर करने वालों में कई राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों के नेता शामिल हैं। इनमें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के नेता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठन प्रमुख रूप से सामने आए हैं। उनका आरोप है कि सरकार इस कानून के ज़रिए वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करना चाहती है।

क्या हैं याचिकाकर्ताओं की आपत्तियां

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नए संशोधन वक्फ बोर्डों के चुनाव को खत्म करते हैं और इसमें गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति का प्रावधान कर दिए गए हैं। इसके अलावा वक्फ संपत्तियों की परिभाषा में बदलाव कर कुछ पुरानी संपत्तियों की वैधता को भी खतरे में डाला गया है।

सरकार का पक्ष

सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह अधिनियम संसद में बहस के बाद पारित हुआ और इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल 2025 को मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर करते हुए कहा है कि बिना उसका पक्ष सुने कोई आदेश न दिया जाए।

सात राज्यों ने किया समर्थन

इस कानून के समर्थन में सात राज्य सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन समय की आवश्यकता है और नया कानून इसी दिशा में उठाया गया एक सही कदम है।

फैसले पर टिकी हैं निगाहें

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि वक्फ कानून में किया गया संशोधन संविधान के अनुरूप है या अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन करता है। यह फैसला देशभर में वक्फ संपत्तियों के भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।