पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मुकाबला करेगी और किसी नए नेता के बारे में कोई विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह बयान उन अफवाहों के बीच दिया जिसमें कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) आगामी चुनावों के बाद नया नेतृत्व चुन सकता है।
सम्राट चौधरी ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “नीतीश कुमार कल भी नेता थे, आज भी नेता हैं, और कल भी नेता रहेंगे। बीजेपी नीतीश कुमार के साथ खड़ी है और हम उनके नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।”
निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री एक व्यक्तिगत निर्णय
जब सम्राट चौधरी से नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की संभावित राजनीति में एंट्री के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे नीतीश कुमार और उनके पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का व्यक्तिगत मामला बताया। उन्होंने कहा, “यह नीतीश जी का व्यक्तिगत निर्णय है और JD(U) का आंतरिक मामला है। जो भी निर्णय होगा, बीजेपी उनके साथ गठबंधन के रूप में खड़ी रहेगी।”
तेजस्वी यादव पर तंज
सम्राट चौधरी ने बिहार के मुख्य विपक्षी नेता तेजस्वी यादव को भी निशाने पर लिया और उन्हें लालू प्रसाद यादव का “नियुक्ति” करार दिया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव खुद कोई नेता नहीं हैं, वे तो बस अपने पिता ललू प्रसाद यादव के ‘बउआ’ हैं। जिस दिन ललू जी किसी और को नियुक्त करेंगे, तेजस्वी का कोई महत्व नहीं रहेगा।”
आरजेडी और शराबबंदी पर आलोचना
चौधरी ने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की घोषणाओं को भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “जो शराबबंदी उनके कार्यकाल में लागू हुई थी, अब वही पार्टी राहत देने की बात कर रही है। साथ ही, जो डोमिसाइल नीति उन्होंने लागू की थी, उसे खुद उनकी सरकार ने रद्द कर दिया।”
नीतीश कुमार और पीएम मोदी की संयुक्त नेतृत्व की तारीफ
चौधरी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय दृष्टिकोण से मेल खाते हुए बताया। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और बिहार में उनका नेतृत्व बीजेपी के साथ पूरी तरह से समन्वयित है।”
बीजेपी की चुनावी रणनीति
विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए चौधरी ने विश्वास जताया कि NDA को बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से “200 से अधिक सीटें” मिलेंगी। उन्होंने इसे “डबल इंजन सरकार” के मॉडल की सफलता बताया, जिसमें बीजेपी की सरकार केंद्र में और राज्य में भी है।
चौधरी ने अंतिम रूप से तेजस्वी यादव की चुनौती को खारिज करते हुए कहा कि उनका राजनीतिक अभियान सिर्फ एक खाली बोल है, जो बिहार की जनता को धोखा देने के अलावा और कुछ नहीं है।