Bihar Diwas 2025: क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार? जानिए राज्य के गठन के बारे में सबकुछ

Bihar Diwas 2025: क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार? जानिए राज्य के गठन के बारे में सबकुछ
Bihar Diwas 2025: क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार? जानिए राज्य के गठन के बारे में सबकुछ

आज, 22 मार्च को बिहार ने अपनी स्थापना के 113 साल पूरे कर लिए हैं। 22 मार्च 1912 को ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करके एक अलग प्रांत के रूप में स्थापित किया गया था। इस दिन को पहली बार 2010 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशन में मनाया गया था। 1912 में, ब्रिटिश सरकार ने बिहार और उड़ीसा को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर एक नया प्रांत बनाने का फैसला लिया था और पटना को इसका राजधानी बनाया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार दिवस के मौके पर राज्यवासियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बिहार के सभी भाइयों और बहनों को बिहार दिवस के अवसर पर मेरी शुभकामनाएं। यह भूमि वीरों और महान हस्तियों की भूमि है। हमारा राज्य, जो भारतीय इतिहास को गर्वित करता है, आज अपने विकास के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। इस सफर में बिहार के मेहनती और प्रतिभाशाली लोगों की अहम भूमिका है। हम राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”

राष्ट्रपति मुर्मू की शुभकामनाएं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी बिहार दिवस पर बिहारवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, “मैं बिहार राज्य के सभी निवासियों को बिहार दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। बिहार की भूमि प्राचीन काल से ज्ञान और विकास का केंद्र रही है। मुझे विश्वास है कि बिहारवासी अपनी प्रतिभा, संकल्प और मेहनत के बल पर बिहार और भारत को विकसित बनाने में अपना योगदान देंगे।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बधाई

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार दिवस के अवसर पर लोगों को बधाई दी। उन्होंने X पर लिखा, “बिहार दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं। बिहार का एक गौरवमयी इतिहास है और हम अपने संकल्प से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए कार्यरत हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हम सभी मिलकर बिहार के विकास के इस सपने को साकार करें और बिहार की शान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।”

बिहार: सांस्कृतिक धरोहर और विकास की दिशा

बिहार, जिसे भगवान बुद्ध की भूमि भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य गंगा नदी द्वारा दो हिस्सों में विभाजित है और इसके उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में ऐतिहासिक स्थल और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। बिहार की स्थापना के 113 वर्षों के बाद भी यह राज्य अपने विकास की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।

Digikhabar Editorial Team
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