
नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। जहां एक ओर राजनीतिक दल रैलियों और जनसभाओं में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुका है। चुनाव की तारीखों को लेकर चर्चाएं तेज हैं और संभावना है कि चुनाव आयोग दिवाली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही तारीखों की घोषणा करेगा।
22 नवंबर से पहले पूरी होनी है चुनाव प्रक्रिया
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में निर्वाचन आयोग को उससे पहले पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न करनी है। सूत्रों के अनुसार, इस बार चुनाव दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं ताकि त्योहारों के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
मुख्य चुनाव आयुक्त करेंगे बिहार का दौरा
चुनाव आयोग की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस माह बिहार दौरे पर जाएंगे और चुनावी व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही मतदान कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
वोटर लिस्ट पर विशेष फोकस
पिछले चुनावों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस बार आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेट करने पर जोर दिया है। बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर सकें। 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को भी सूची में शामिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
ECINET प्लेटफॉर्म और नई तकनीक
इस बार चुनाव आयोग ने ECINET नामक एकीकृत डैशबोर्ड लॉन्च किया है, जिससे लगभग 40 ऐप्स और वेबसाइट्स का काम अब एक ही प्लेटफॉर्म से हो सकेगा। डुप्लीकेट EPIC कार्ड खत्म किए जा चुके हैं और मृतक मतदाताओं को सूची से हटाने की प्रक्रिया को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डेटा से जोड़ा गया है।
मतदाताओं की सुविधा के लिए बदलाव
चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर भी कई नई सुविधाएं सुनिश्चित की हैं:
- एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता ही होंगे।
- हर मतदाता को 2 किमी से अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
- हाईराइज बिल्डिंग्स में भी बूथ बनाए जाएंगे।
- बूथ पर मोबाइल जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
- वोटर स्लिप पर अब बड़ा और स्पष्ट सीरियल नंबर होगा।
फर्जी प्रचार और AI सामग्री पर होगी नजर
चुनाव आयोग इस बार AI और Deepfake वीडियो की चुनौतियों से निपटने के लिए एक विशेष निगरानी सेल बनाने जा रहा है। राजनीतिक दलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे AI से तैयार सामग्री को स्पष्ट रूप से चिन्हित करें ताकि मतदाता भ्रमित न हों।बिहार में इस बार का विधानसभा चुनाव न केवल तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होगा, बल्कि मतदाताओं के लिए भी यह अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी रहने वाला है। अब सबकी नजरें चुनाव आयोग की तारीखों की घोषणा पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में राजनीतिक तापमान को और गर्मा सकती है।