नई दिल्ली: भारत अंतरराष्ट्रीय यात्रा के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। अब देशभर में चिप-युक्त बायोमैट्रिक ई-पासपोर्ट का दौर शुरू हो गया है, जिससे एयरपोर्ट्स पर तेज क्लीयरेंस, कम लाइनें और बिना टच के इमिग्रेशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यह सुविधा 1 अप्रैल 2024 से पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 2.0 के तहत लॉन्च की गई है और मध्य 2025 तक देशभर में लागू हो जाएगी।
नए ई-पासपोर्ट्स में RFID चिप और एंटीना लगाया गया है, जिसमें यात्री का नाम, जन्म तिथि, पासपोर्ट नंबर, फेशियल इमेज और फिंगरप्रिंट जैसे अहम बायोमैट्रिक डाटा स्टोर रहते हैं। ये डेटा इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स जैसे BAC, PA और EAC से सुरक्षित रहता है। पासपोर्ट के कवर पर सोने के रंग का खास चिह्न होगा जो इसे ई-पासपोर्ट की पहचान देगा।
इस तकनीक के साथ भारत अमेरिका, कनाडा समेत 120 से अधिक देशों की लीग में शामिल हो गया है जो पहले से ई-पासपोर्ट प्रणाली अपना चुके हैं। डेटा की सुरक्षा के लिए पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत और रांची जैसे शहरों के पासपोर्ट कार्यालय इस सुविधा के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हैं।
तमिलनाडु में चेन्नई रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने 3 मार्च 2025 से ई-पासपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया है। The Indian Express के मुताबिक, 22 मार्च 2025 तक राज्य में 20,729 ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं। फिलहाल जिनके पास मौजूदा पासपोर्ट हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है — वह पासपोर्ट उसकी वैधता खत्म होने तक मान्य रहेगा। ई-पासपोर्ट सिर्फ नए आवेदन या रिन्यूअल के समय मिलेगा।