
लखनऊ/बलरामपुर: धर्मांतरण रैकेट मामले में गिरफ्तार किए गए छांगुर बाबा के खिलाफ यूपी सरकार की सख्त कार्रवाई जारी है। मंगलवार को बलरामपुर जिले के उतरौला स्थित छांगुर बाबा के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया, जहां उनके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया। बाबा पर धोखे से धर्मांतरण कराने, विदेशी फंडिंग प्राप्त करने और युवतियों को निशाना बनाने जैसे गंभीर आरोप हैं।
ATS की गिरफ्त में छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन
उत्तर प्रदेश एटीएस ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ के विकास नगर इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया। ये दोनों पिछले 80 दिनों से ‘स्टार रूम्स’ नामक होटल में छिपे हुए थे। होटल रजिस्टर के अनुसार, दोनों की एंट्री 16 अप्रैल की है और 5 जुलाई को गिरफ्तारी से पहले वे कमरा नंबर 102 में रुके हुए थे।
100 करोड़ का लेन-देन और 40 विदेशी दौरे
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा के 40 से ज्यादा बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन हुआ है। इन खातों में फंडिंग खाड़ी देशों से की गई है और बाबा ने 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों का दौरा भी किया है। पुलिस के अनुसार, यह पूरा रैकेट बेहद संगठित तरीके से संचालित हो रहा था।
धर्मांतरण के लिए लड़कियों को बनाया जाता था निशाना
बाबा पर आरोप है कि उसने विभिन्न समुदायों की लड़कियों को लालच और धोखे से इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर किया। आरोप है कि धर्मांतरण के लिए एक ‘रेट लिस्ट’ भी बनाई गई थी, जिसमें जाति और सामाजिक पृष्ठभूमि के हिसाब से रकम तय की जाती थी। धर्मांतरण कराने वालों को पैसे दिए जाते थे और विशेष रूप से युवतियों को निशाना बनाया जाता था।
महिला आयोग की तीखी प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने इस घटना को “सुनियोजित साजिश” करार दिया और कहा,
“हमारी बेटियां कोई प्रयोगशाला नहीं हैं, जहां धर्मांतरण की जहरीली सोच का परीक्षण हो। ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”
प्रशासनिक संरक्षण का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि छांगुर बाबा ने बलरामपुर और अन्य इलाकों में प्रशासनिक मिलीभगत के जरिए लोगों पर मुकदमे दायर कर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया। पहले भी उसके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन स्थानीय प्रभाव के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी।
गिरोह में शामिल थीं नीतू और उसका पति
नीतू उर्फ नसरीन और उसका पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन करीब 10 साल पहले धर्मांतरण कर इस गिरोह का हिस्सा बने। इसके बाद से ही वे बाबा के साथ मिलकर धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे। होटल में रहने के दौरान उन्होंने यह दावा किया था कि वे किसी मुकदमे के सिलसिले में लखनऊ आए हैं।
बुलडोजर की कार्रवाई, होटल मालिक से पूछताछ
बलरामपुर के मधुपुर में बाबा की अवैध रूप से बनाई गई इमारत के अवैध हिस्से पर बुलडोजर चलाया गया। इसके अलावा होटल मालिक से भी पूछताछ की जा रही है, जिसमें यह सामने आया कि बाबा और उसकी सहयोगी लगातार अपनी बुकिंग बढ़ाते रहे और किसी वकील के संपर्क में थे।
इस मामले ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है और अब सवाल उठ रहा है कि ऐसे संगठित गिरोह किस तरह से समाज के ताने-बाने को तोड़ने में लगे हुए हैं। यूपी पुलिस और एटीएस की जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में इस रैकेट से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।