अहमदाबाद, 2 जनवरी 2025: भारत के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर शुबमन गिल समेत गुजरात टाइटन्स के चार खिलाड़ियों को 450 करोड़ रुपये के पोंजी स्कैम (पोंजी स्कीम धोखाधड़ी का एक रूप है जो निवेशकों को लुभाता है और हाल के निवेशकों के फंड से पहले के निवेशकों को मुनाफा देता है।) से जुड़ी जांच में गुजरात CID क्राइम ब्रांच द्वारा समन भेजने की संभावना है। इन खिलाड़ियों में शुबमन गिल के अलावा साईं सुदर्शन, राहुल तिवातिया और मोहित शर्मा भी शामिल हैं।
इस मामले में अहम विकास तब हुआ जब पोंजी स्कैम के मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सिंह जाला से पूछताछ की गई। अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, जाला ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया कि उसने इन खिलाड़ियों द्वारा किए गए निवेशों की राशि वापस नहीं की।
गुजरात के विभिन्न जिलों जैसे तालोद, हिमतनगर और वडोदरा में कार्यालय खोलकर पोंजी स्कैम को चलाने वाला जाला, कथित रूप से 450 करोड़ रुपये के चिट फंड घोटाले का मुख्य आरोपित है। जाला ने निवेशकों से धन जुटाने के लिए कई एजेंटों की भर्ती की थी और ICICI तथा IFC बैंकों के माध्यम से 6,000 करोड़ रुपये के वित्तीय लेन-देन किए थे, जिसमें 175 करोड़ रुपये शामिल हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, शुबमन गिल ने इस योजना में 1.95 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि मोहित शर्मा, तिवातिया और सुदर्शन ने भी छोटे-छोटे निवेश किए थे। गिल, जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा हैं, CID द्वारा सभी खिलाड़ियों को बाद में समन भेजे जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, मोहित शर्मा से इस मामले में संपर्क करने की कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं।
CID क्राइम ब्रांच के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) पारिक्षिता राठौड़ ने बताया कि जाला ने अपनी कंपनी, BZ फाइनेंशियल सर्विसेज के माध्यम से निवेशकों से पैसा जुटाने का काम किया था, और उन्हें उच्च रिटर्न का वादा किया था। जाला एक महीने तक फरार रहा, लेकिन 27 दिसंबर को मेहसाणा जिले से गिरफ्तार किया गया। वह वर्तमान में 4 जनवरी तक पुलिस हिरासत में है।
राठौड़ ने यह भी खुलासा किया कि जाला ने जुटाए गए पैसों से करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदीं, जो चल और अचल दोनों प्रकार की थीं, लेकिन उसने निवेशकों को वादा किए गए रिटर्न का भुगतान नहीं किया। इस मामले में अब तक सात अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। CID का दावा है कि जाला ने निवेशकों को 36 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न का वादा किया था।
गुजरात CID अधिकारियों का कहना है कि खिलाड़ियों का सहयोग इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण होगा, और इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी रहेगी। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।