
इस्लामाबाद: 29 साल बाद पाकिस्तान में आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी ने भले ही क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित किया हो, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए यह टूर्नामेंट वित्तीय आपदा साबित हुआ। 19 फरवरी से 9 मार्च तक चले इस टूर्नामेंट में PCB को ₹869 करोड़ का भारी नुकसान हुआ।
महंगी पड़ गई मेजबानी
The Telegraph की रिपोर्ट के अनुसार, PCB ने इस आयोजन पर PKR 18 अरब (लगभग $58 मिलियन) खर्च किए, जो अनुमानित बजट से 50% अधिक था। साथ ही, आयोजन की कुल लागत $40 मिलियन तक पहुंच गई, जबकि होस्टिंग फीस, टिकट बिक्री और स्पॉन्सरशिप से मात्र $6 मिलियन की ही कमाई हो सकी। इस तरह, बोर्ड को $85 मिलियन (लगभग ₹708 करोड़) का नुकसान हुआ।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
मोहम्मद रिजवान की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम को घरेलू मैदान पर सिर्फ एक पूरा मैच खेलने का मौका मिला। लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ यह मुकाबला सफल रहा, लेकिन रावलपिंडी में बांग्लादेश के खिलाफ मैच और अन्य दो मैच बारिश के कारण बिना एक भी गेंद फेंके रद्द हो गए।
खिलाड़ियों पर टूटा आर्थिक संकट
आर्थिक तंगी का असर खिलाड़ियों पर भी पड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल टी20 चैंपियनशिप में खिलाड़ियों की मैच फीस में 90% तक की कटौती की गई। रिजर्व खिलाड़ियों की फीस भी 87.5% तक घटा दी गई।
जहां पहले खिलाड़ी फाइव स्टार होटलों में ठहरते थे, अब उन्हें बजट होटल्स में रुकना पड़ा, जबकि PCB के अधिकारी उच्च वेतन और सुविधाएं लेते रहे।
PCB चेयरमैन का हस्तक्षेप
बढ़ते विरोध के बीच PCB चेयरमैन मोहित नकवी ने हस्तक्षेप किया और खिलाड़ियों की फीस में कटौती के फैसले को रद्द कर दिया। Dawn की रिपोर्ट के अनुसार, अब खिलाड़ियों को प्रति मैच ₹30,000 की फीस दी जाएगी, जो पिछले साल की ₹40,000 की तुलना में अब भी ₹10,000 कम है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 न केवल पाकिस्तान क्रिकेट की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि खराब प्रबंधन कैसे एक बड़े आयोजन को भारी आर्थिक नुकसान में बदल सकता है।