हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक, नेट एंडरसन ने एक अहम ऐलान करते हुए कहा कि उनका शॉर्ट-सेलिंग रिसर्च फर्म अब अपनी गतिविधियाँ बंद कर रहा है। उन्होंने इस फैसले को “जीवन का साहसिक अनुभव” बताते हुए कहा कि यह सफर उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा था।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट्स ने कई प्रमुख कंपनियों, विशेषकर अडानी समूह, के खिलाफ शॉर्ट-सेलिंग को बढ़ावा दिया और प्राधिकरणों द्वारा जांच की शुरुआत की। इन रिपोर्ट्स ने अडानी समूह और गौतम अडानी को “कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा” ठहराया था। हालांकि, अडानी ने इस रिपोर्ट को केवल कंपनी को अस्थिर करने और भारत की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया था।
नेट एंडरसन ने अपने निर्णय के बारे में कहा, “मैंने पिछले साल से अपने परिवार, दोस्तों और टीम से यह साझा किया था कि मैं हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का फैसला कर रहा हूँ। हम जिस पाइपलाइन पर काम कर रहे थे, उसे पूरा करने के बाद यह कदम उठाने का फैसला किया। और आज वह दिन आ गया है।”
एंडरसन ने अपने संदेश में अपने सफर की शुरुआत और संघर्ष के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत की थी, तो उनके पास पारंपरिक वित्तीय पृष्ठभूमि नहीं थी और उन्होंने बहुत कम संसाधनों के साथ काम करना शुरू किया था। इसके बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और उनके साथ काम करने वाली टीम के योगदान को भी सराहा, जो उनके जैसे ही साधारण लोग थे, लेकिन जब बात मेहनत और ईमानदारी की हो, तो वे “रुस्तम” साबित हुए।
एंडरसन ने कहा, “इस सफर में बहुत उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हमारी टीम के 11 अद्वितीय सदस्य हमारे साथ थे। हम सब एक जैसे विचारों वाले थे और सबका एक ही उद्देश्य था – सच्चाई को सामने लाना। हमने कभी भी किसी स्थिति से डरकर काम नहीं किया, बल्कि हमारे दिल में एक जुनून था।”
उन्होंने अपनी टीम और उनके द्वारा किए गए काम के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने हजारों लोगों को नागरिक और आपराधिक आरोपों के तहत सजा दिलवाने में मदद की। “हमने जिन साम्राज्यों को हिलाया, वे अपने आप में अभूतपूर्व थे।”
एंडरसन ने आगे कहा, “यह निर्णय किसी एक घटना या संकट से प्रेरित नहीं है, बल्कि मुझे अब यह महसूस हो रहा है कि अब मैंने अपने लक्ष्य को पूरा किया है। अब मुझे खुद से एक नया रिश्ता बनाना है।”
उन्होंने अपने जीवन में बिताए गए समय और उनकी पत्नी के प्रति आभार भी व्यक्त किया, जिनकी वजह से वह इस कठिन यात्रा में आगे बढ़ पाए। इसके अलावा, उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों से माफी भी मांगी, जिनके साथ वे समय नहीं बिता पाए।
अंत में, एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च के पाठकों का आभार जताया और कहा कि उनकी प्रेरणा और समर्थन से ही वे इस सफर में सफलता प्राप्त कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब वे एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं, जिसमें वह अपनी पूरी यात्रा और अनुसंधान की प्रक्रिया को लोगों के साथ साझा करेंगे।
यह कदम न केवल एंडरसन के व्यक्तिगत जीवन में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि शॉर्ट-सेलिंग और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी पर आधारित रिसर्च के प्रति उनके योगदान को भी सम्मानित करता है। एंडरसन की इस यात्रा ने कई सवालों और बहसों को जन्म दिया है, लेकिन उनका मानना है कि सच्चाई हमेशा उजागर होती है, चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।