
देहरादून: चार धाम यात्रा 2025 के दौरान मंदिर परिसर में यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। केदारनाथ-बद्रीनाथ पांडा समाज ने मंदिर परिसर में वीडियो कंटेंट बनाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और कहा है कि यदि कोई व्यक्ति रील्स या यूट्यूब वीडियो बनाते हुए पाया गया, तो उसे दर्शन से वंचित कर दिया जाएगा और वापस भेज दिया जाएगा। पांडा समाज ने प्रशासन को इस नई नियमावली के बारे में सूचित किया है और राज्य सरकार के साथ भी इस पर चर्चा की गई है।
यात्रा की शुरुआत और सुविधाएं
चार धाम यात्रा 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के द्वार खुलने के साथ शुरू होगी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ के द्वार और 4 मई को बद्रीनाथ के द्वार भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे, जिससे चार धाम यात्रा का आधिकारिक आरंभ होगा।
यात्रियों की सुविधाओं के लिए यात्रा मार्ग पर हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्यासि, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, हर्बर्टपुर, विकासनगर, Barkot और भटवारी में 10 विशेष होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं। इन स्थानों पर यात्रियों को पानी, शौचालय, बिस्तर, दवाइयां और आपातकालीन खाद्य आपूर्ति जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि किसी भी देरी के दौरान यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक ठहराव मिल सके।
इसके अलावा, यात्रा मार्ग को 10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा गया है, और प्रत्येक सेक्टर में छह पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल पर गश्त करेंगे, ताकि यात्रियों को आपातकालीन स्थिति में सहायता मिल सके।
9 लाख से अधिक पंजीकरण
चार धाम यात्रा के लिए अब तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवा लिया है। इनमें से सबसे अधिक पंजीकरण केदारनाथ (2.75 लाख), बद्रीनाथ (2.24 लाख), गंगोत्री (1.38 लाख), यमुनोत्री (1.34 लाख) और हेमकुंड साहिब (8,000) के लिए हुए हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा
पर्यटन विकास परिषद जल्द ही पंजीकरण के कई विकल्प प्रदान करेगी, जिसमें वेबसाइट पंजीकरण, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन शामिल हैं। यात्रा शुरू होने के बाद, जो लोग ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सके हैं, उनके लिए हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अलावा, सभी चार धामों में दर्शन को सुगम बनाने के लिए टोकन प्रणाली लागू की जाएगी।