मुंबई: मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और इज़राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने भारी गिरावट के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत की। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच निवेशकों की बिकवाली ने बाजार को झटका दिया।
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,264.17 अंकों की भारी गिरावट के साथ 80,427.81 पर खुला, जबकि निफ्टी 50 ने 415.20 अंकों की गिरावट के साथ 24,473.00 पर कारोबार शुरू किया। पिछले सत्र में सेंसेक्स 81,691.98 और निफ्टी 24,888.20 पर बंद हुआ था। ब्रॉडर मार्केट भी गिरावट की चपेट में रहा। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 768.62 अंक यानी 1.68% की गिरावट के साथ और स्मॉलकैप इंडेक्स 1,011.43 अंक यानी 1.89% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
कितना समय रहेगा असर
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार के अनुसार:
“जब तक मिडिल ईस्ट में स्थिति अस्थिर बनी रहती है, तब तक बाजार ‘रिस्क-ऑफ मोड’ में रहेगा। ऑयल डेरिवेटिव्स पर आधारित सेक्टर जैसे एविएशन, पेंट्स, टायर्स आदि पर दबाव रहेगा, जबकि ऑयल प्रोड्यूसर्स जैसे ONGC और ऑयल इंडिया को राहत मिल सकती है। निफ्टी को 24,500 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।”
सभी सेक्टर लाल निशान में
शुरुआती कारोबार में सभी निफ्टी सेक्टोरल इंडेक्स गिरावट में देखे गए:
- निफ्टी आईटी: 1.53% गिरा
- निफ्टी ऑटो: 2.03% नीचे
- निफ्टी FMCG: 1.23% गिरावट
सेक्टर्स पर असर: तेल आधारित कच्चे माल का उपयोग करने वाले सेक्टर्स को सबसे ज्यादा झटका लगा।
कौन-कौन से शेयर सबसे ज्यादा गिरे?
सेंसेक्स पैक के सभी 30 स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। सबसे बड़ी गिरावट अदानी पोर्ट्स में दर्ज की गई, जो 2.93% तक गिरा। महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, और कोटक बैंक जैसे शेयर भी टॉप लूजर्स में रहे।
एशियाई बाजारों का हाल
मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ने से एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखी गई:
- जापान का निक्केई 225: 490.15 अंकों की गिरावट
- हांगकांग का हैंगसेंग: 168.52 अंक नीचे
- कोरिया का कोस्पी: 40.99 अंक लुढ़का
- चीन का शंघाई कंपोजिट: 24.65 अंकों की बढ़त
गिफ्ट निफ्टी का संकेत
गिफ्ट निफ्टी, जो कि निफ्टी 50 का शुरुआती संकेतक माना जाता है, ने 24,882.50 के स्तर पर गिरावट के साथ शुरुआत की, जो इसके पिछले बंद स्तर 24,925.00 से कम था।
एयर इंडिया हादसे का असर
एयर इंडिया की अहमदाबाद दुर्घटना के बाद बोइंग के शेयरों में 8% से ज्यादा की गिरावट आई। इसका असर वैश्विक एविएशन सेक्टर और निवेशकों की धारणा पर पड़ा है।
नतीजा
तेल कीमतों में संभावित वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और विमानन क्षेत्र में हादसे जैसे कारकों ने बाजार को अस्थिर बना दिया है। निवेशकों को फिलहाल सावधानी बरतने और स्थिति पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।