Ganesh Chaturthi 2025: 26 या 27 अगस्त? जानें कब मनाया जाएगा गणेशोत्सव, जानिए शुभ मुहूर्त और योग

Ganesh Chaturthi 2025: 26 या 27 अगस्त? जानें कब मनाया जाएगा गणेशोत्सव, जानिए शुभ मुहूर्त और योग
Ganesh Chaturthi 2025: 26 या 27 अगस्त? जानें कब मनाया जाएगा गणेशोत्सव, जानिए शुभ मुहूर्त और योग

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है और जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। इस पर्व को लेकर ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि गणेश जी की आराधना से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

गणेश महोत्सव की शुरुआत चतुर्थी तिथि से होती है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमा के विसर्जन के साथ होता है। महाराष्ट्र, गुजरात सहित भारत के कई राज्यों में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तजन अपने घरों और पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा, आरती और भोग अर्पित करते हैं।

गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट पर आरंभ होगी और 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि को प्रमुखता दी जाती है, अतः गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा।

शुभ योग और विशेष संयोग

गणेश चतुर्थी के दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है। इस दिन शुभ योग दोपहर तक रहेगा, जबकि शुक्ल योग का समापन 28 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट पर होगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग 27 अगस्त को सुबह 06 बजकर 04 मिनट से प्रारंभ होगा, जो किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। वहीं, भद्रावास योग दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी के दिन का पंचांग

  • सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 28 मिनट
  • सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 14 मिनट
  • चंद्रोदय: सुबह 08 बजकर 52 मिनट
  • चंद्रास्त: रात 08 बजकर 28 मिनट
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 03 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 13 मिनट तक

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत रूप से पूजन करने से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ये मान्यताएं धार्मिक और ज्योतिषीय आधार पर हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने विवेक और धार्मिक विश्वास के अनुसार निर्णय लें।