
गाजियाबाद – गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में रविवार देर रात नोएडा पुलिस की टीम पर बड़ा हमला हुआ। यह टीम वांछित अपराधी कादिर को गिरफ्तार करने पहुंची थी। छापेमारी के दौरान अपराधी ने न सिर्फ पुलिस पर गोलीबारी की, बल्कि भीड़ ने पथराव भी कर दिया। इस हमले में नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ को गोली लग गई, जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
गोली सिर में लगी, अस्पताल में तोड़ा दम
सिपाही सौरभ को गंभीर हालत में यशोदा अस्पताल, नेहरू नगर में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सौरभ के सिर में गोली लगी थी। इस घटना में अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं और उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है।
भीड़ हुई उग्र, पुलिस पर बरसाए पत्थर
पुलिस टीम जैसे ही मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में पहुंची और कादिर की गिरफ्तारी की कोशिश की, वैसे ही वहां मौजूद भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। पथराव और गोलीबारी के बीच स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। कादिर ने खुद भी पुलिस टीम पर गोली चलाई।
पुलिस का बयान
घटना पर डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा:
“25 मई को थाना मसूरी को सूचना मिली कि गौतम बुद्ध नगर का सिपाही सौरभ नाहल गांव के पास गोली लगने से घायल हो गया है। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना उस वक्त हुई जब एक पुलिस टीम वांछित अभियुक्त कादिर को पकड़ने गई थी। इस मामले में उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
कादिर गिरफ्तार, आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला गया
पुलिस ने मुख्य आरोपी कादिर को गिरफ्तार कर लिया है और उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है। कादिर एक दागी अपराधी है, जिसके खिलाफ 16 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें गैंगस्टर एक्ट, चोरी, डकैती जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। वह मसूरी थाने का हिस्ट्रीशीटर है।
पुलिस बल तैनात, गांव में तनाव
घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थिति पर नियंत्रण रखा जा रहा है, लेकिन सिपाही की शहादत ने पुलिस महकमे में शोक की लहर फैला दी है। इस हमले ने उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सिपाही सौरभ की शहादत ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि कानून व्यवस्था कायम करने में पुलिसकर्मियों को कितनी जोखिमों का सामना करना पड़ता है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या सख्त कदम उठाते हैं और क्या पीड़ित परिवार को न्याय और सम्मान मिल पाता है।












