
नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से हटने का फैसला किया। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि वह चिकित्सा सलाह का पालन करते हुए स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं और इसी के तहत संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहे हैं। राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र के जरिए उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा।
धनखड़ मध्यावधि में इस्तीफा देने वाले देश के केवल तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं। इससे पहले वीवी गिरि और आर वेंकटरमण ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ा था। 74 वर्षीय धनखड़ ने अप्रैल 2023 में संसद भवन परिसर के निकट चर्च रोड स्थित नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में निवास शुरू किया था। यह आवास सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत तैयार किया गया था। धनखड़ ने लगभग 15 महीने वहां निवास किया। इस्तीफे के बाद उन्होंने अपने निजी सामानों की पैकिंग शुरू कर दी है।
इस्तीफे के बावजूद जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद मिलने वाली सुविधाएं प्राप्त होंगी। नियमों के अनुसार, यदि कोई उपराष्ट्रपति दो वर्ष से अधिक सेवा दे चुका है तो वह पेंशन और अन्य लाभों के पात्र होते हैं।
सेवानिवृत्त उपराष्ट्रपति को प्रतिवर्ष ₹60,000 तक कार्यालय व्यय की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। साथ ही, उन्हें एक सुसज्जित टाइप-VIII बंगला किराया-मुक्त मिलेगा और जीवनभर मुफ्त पानी व बिजली की सुविधा भी प्राप्त होगी। इसके अलावा, उन्हें एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक व्यक्तिगत सहायक और दो चपरासी का स्टाफ भी मिलेगा। यह स्टाफ सरकार या किसी सार्वजनिक उपक्रम से बाहर के स्रोत से लिया जाएगा।
सेवानिवृत्त उपराष्ट्रपति को भारत में कहीं भी निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी, जिसमें वे प्रथम श्रेणी में हवाई, रेल या स्टीमर यात्रा कर सकते हैं और उनके साथ जीवनसाथी या कोई परिजन भी यात्रा कर सकता है। इसके अतिरिक्त, उन्हें सांसदों की भांति टेलीफोन सुविधा भी दी जाएगी।
धनखड़ को अब लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर टाइप VIII बंगला दिया जाएगा। शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि उनके लिए विकल्पों की तलाश की जा रही है।