नई दिल्ली: सरकार को BSNL के कारण भारी नुकसान हुआ है। कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, BSNL ने 2014 से लेकर 2024 तक रिलायंस जियो से अपनी पैसिव इन्फ्रास्ट्रक्चर शेरिंग के समझौते के तहत बिलिंग नहीं की, जिससे सरकार को ₹1,757.56 करोड़ का नुकसान हुआ।
CAG ने बताया कि BSNL ने अपनी मास्टर सर्विस एग्रीमेंट (MSA) के तहत रिलायंस जियो को तकनीकी उपयोग के लिए बिलिंग नहीं की, और इस चूक से सरकारी खजाने को भारी झटका लगा। इसके साथ ही BSNL ने टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स (TIPs) को दिए गए रेवेन्यू शेयर से लाइसेंस फीस का हिस्सा भी नहीं घटाया, जिससे ₹38.36 करोड़ का नुकसान हुआ।
सीएजी के अनुसार, BSNL ने रिलायंस जियो के साथ समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया और इन्फ्रास्ट्रक्चर शेरिंग शुल्क में ₹29 करोड़ की कमी की, जिसमें GST भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि BSNL ने मास्टर सर्विस एग्रीमेंट में एस्केलेशन क्लॉज का पालन नहीं किया, जिससे और भी रेवेन्यू का नुकसान हुआ।
यह रिपोर्ट BSNL की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है और इसे केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। BSNL की ये चूक सरकारी खजाने पर भारी पड़ी है, और अब सवाल उठ रहे हैं कि इस तरह की चूकें कैसे हुईं और आगे इन्हें कैसे रोका जा सकता है।
यह मामला BSNL की कार्यशैली और उसके वित्तीय प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा धक्का साबित हो सकता है, क्योंकि इससे सरकारी संपत्ति की सुरक्षा और उसके उचित उपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो रही हैं।