नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर मंगलवार को नई दिल्ली में एक दिन की महत्वपूर्ण वार्ता आयोजित होगी। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ा था। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के सकारात्मक आकलन के कुछ दिन बाद हो रही है।
पिछली पांच वार्ताएं और 50 प्रतिशत आयात शुल्क
भारत और अमेरिका के बीच अब तक व्यापार समझौते को लेकर पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। छठे दौर की वार्ता, जो 25 से 29 अगस्त के बीच होनी थी, अमेरिकी द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाए जाने के बाद स्थगित कर दी गई थी।
अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व
अमेरिका की ओर से इस वार्ता का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि करेंगे, जबकि भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश अग्रवाल करेंगे। लिंच 15 देशों के साथ अमेरिकी व्यापार नीति के विकास और कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं, जिसमें भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (TPF) और क्षेत्रीय साझेदारों के साथ व्यापार और निवेश ढांचा समझौतों (TIFA) के तहत गतिविधियों का समन्वय भी शामिल है।
भारतीय प्रतिनिधि का बयान
भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने सोमवार को कहा, “हमने पहले भी यह संकेत दिया था कि बातचीत जारी है। अमेरिकी मुख्य वार्ताकार आज रात भारत आ रहे हैं और कल व्यापार वार्ता करेंगे, ताकि यह देखा जा सके कि हम किस तरह से समझौते तक पहुंच सकते हैं। यह छठा दौर नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से व्यापार वार्ता पर चर्चा है और हम यह देख रहे हैं कि भारत और अमेरिका के बीच समझौता कैसे किया जा सकता है।”
पीएम मोदी का सकारात्मक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा व्यापार वार्ताओं पर दिए गए सकारात्मक बयान का स्वागत किया था। उन्होंने आशा व्यक्त की थी कि जारी वार्ताएं दोनों देशों के बीच साझेदारी की असीमित संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
ट्रम्प की तीखी बयानबाजी और भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाए जाने के बाद उत्पन्न तनाव के कुछ सप्ताहों के बाद अब दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की संभावना दिखाई दे रही है। यह दूसरा मौका था जब ट्रम्प ने मोदी की तारीफ करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के संकेत दिए, जिसे मोदी ने गर्मजोशी से स्वीकार किया।
50 प्रतिशत आयात शुल्क और भारत की प्रतिक्रिया
ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है, जिसमें से 25 प्रतिशत शुल्क दिल्ली द्वारा रूस से खरीदी जा रही तेल की आपूर्ति पर है। यह शुल्क दुनिया के किसी भी देश पर लगाए गए सबसे उच्चतम शुल्कों में से एक है। भारत ने इस कदम को “असंगत, अनुचित और अनावश्यक” करार दिया है।
रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसका ऊर्जा खरीदना राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों द्वारा निर्धारित होता है। भारत ने अपने ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस मुद्दे पर अमेरिकी आलोचना का विरोध किया है।
इस वार्ता से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं, हालांकि इस पर अंतिम फैसला आने में कुछ समय और लग सकता है। 7 अक्टूबर को होने वाली वार्ता के परिणामों का वैश्विक व्यापार पर भी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
 
            
 
		