हर साल, 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को सम्मानित करने, लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके सशक्तिकरण व समान वेतन के अधिकारों को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। साथ ही, यह दिन महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ उनके अधिकारों के लिए वैश्विक स्तर पर संघर्ष को भी मजबूत करता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का थीम
2025 का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का थीम होगा, “सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए: अधिकार। समानता। सशक्तिकरण।” इस साल का थीम महिलाओं के समान अधिकार, शक्ति और अवसर प्रदान करने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान करता है, ताकि एक ऐसे फेमिनिस्ट भविष्य की नींव रखी जा सके, जिसमें सभी को समान रूप से सम्मान और अधिकार मिले।
संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि आने वाली पीढ़ियों के युवाओं, खासकर युवा महिलाओं और किशोर लड़कियों को दीर्घकालिक परिवर्तन एजेंट के रूप में प्रशिक्षित करना इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास और महत्व
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1900 के दशक के प्रारंभ में हुई थी, जब श्रमिक आंदोलनों ने बढ़ती औद्योगिकीकरण के बीच खराब कार्य स्थितियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। 1909 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने नेशनल वुमन’स डे की स्थापना की। 1910 में क्लारा ज़ेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के विचार को प्रस्तावित किया, और 1911 में पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन हुए थे।
जब 1917 में रूस की महिलाओं ने हड़ताल की, तो मार्च 8 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता मिल गई। इसके बाद, 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कानूनी मान्यता प्राप्त हुई।
महिला दिवस की अहमियत
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल महिलाओं के लिए विशिष्ट नियम और कानूनों पर चर्चा को बढ़ावा देता है, बल्कि यह महिलाओं के जीवन को प्रभावित करने वाली सामाजिक मान्यताओं, रूढ़िवादिता और पुराने विचारों के खिलाफ भी एक वैश्विक एकता को मजबूत करता है। यह दिन महिलाओं को उनके अधिकारों और अवसरों के लिए एकजुट करता है और उन्हें उनके संघर्ष में समर्थन प्रदान करता है।
इस वर्ष, जब हम महिला दिवस मना रहे हैं, यह एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि हम समाज में महिलाओं के स्थान और उनके अधिकारों के लिए एक सशक्त दिशा तय कर सकें। 8 मार्च को मनाए जाने वाले इस दिन का उद्देश्य न केवल महिला समानता को बढ़ावा देना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि आने वाले वर्षों में महिलाएं और लड़कियां समान अधिकारों, सशक्तिकरण और अवसरों से लैस हों।
इस महिला दिवस, हम सभी को महिला सशक्तिकरण के इस सफर में एक कदम और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।