Iran-Israel Tension: ईरानी अधिकारी का दावा—”पाकिस्तान देगा परमाणु जवाब”

Iran-Israel Tension: ईरानी अधिकारी का दावा—
Iran-Israel Tension: ईरानी अधिकारी का दावा—"पाकिस्तान देगा परमाणु जवाब"

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ईरानी शीर्ष अधिकारी के बयान ने खलबली मचा दी है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य जनरल मोहसिन रेजाई ने दावा किया कि यदि इजराइल ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान भी इजराइल पर परमाणु हमला करेगा।

रेजाई ने यह बयान ईरान के सरकारी टेलीविज़न पर दिया, जिसमें उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमें बताया है कि अगर इजराइल ने ईरान पर परमाणु बम गिराया, तो पाकिस्तान भी इजराइल पर परमाणु हमला करेगा।”

पाकिस्तान ने किया दावे से इनकार

हालांकि, पाकिस्तान ने इस दावे को तुरंत खारिज कर दिया। देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम किसी तीसरे पक्ष के संघर्ष से जुड़ा नहीं है।

परमाणु समझौता नहीं, लेकिन ईरान को समर्थन

पाकिस्तान ने यह जरूर कहा है कि वह ईरान के साथ खड़ा है, लेकिन किसी भी प्रकार के परमाणु सहयोग या हमले की प्रतिबद्धता से इनकार किया है। हाल ही में इजराइल द्वारा ईरानी क्षेत्र पर हमले के बाद, पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की थी।

नेशनल असेंबली में चेतावनी

14 जून को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बोलते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “इजराइल ने ईरान, यमन और फिलिस्तीन को निशाना बनाया है। अगर मुस्लिम देश अभी एकजुट नहीं हुए, तो हर किसी का यही हाल होगा।”

उन्होंने उन मुस्लिम देशों से, जो इजराइल से राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं, उन संबंधों को तोड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से आपात बैठक बुलाने की भी मांग की, ताकि एक संयुक्त प्रतिक्रिया तय की जा सके।

इजराइल और ईरान की परमाणु नीति क्या है?

  • इजराइल अपनी परमाणु क्षमता पर नीति रूप से ‘सांकेतिक अस्पष्टता’ बनाए रखता है — न तो पुष्टि करता है और न ही खंडन। हालांकि, वैश्विक समुदाय का मानना है कि इजराइल के पास परमाणु हथियार हैं और वह क्षेत्रीय सामरिक बढ़त बनाए रखने के सिद्धांत पर काम करता है।
  • ईरान दावा करता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है — ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा अनुसंधान के लिए। वह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का हस्ताक्षरकर्ता है और हथियारों के विकास से इनकार करता है।

हालांकि, IAEA और पश्चिमी देशों ने ईरान की यूरेनियम संवर्धन, मिसाइल विकास और पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताई है, जिससे यह आशंका बनी हुई है कि उसका कार्यक्रम सैन्य दिशा में भी बढ़ सकता है।

जनरल रेजाई का बयान जहां क्षेत्र में तनाव और बढ़ा सकता है, वहीं पाकिस्तान की ओर से तुरंत स्पष्टीकरण ने स्थिति को संतुलित करने की कोशिश की है। इस घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया में परमाणु खतरे की आशंका को फिर से चर्चा में ला दिया है। अब निगाहें OIC की संभावित बैठक और क्षेत्रीय राजनयिक प्रयासों पर टिकी हैं।