ईरान ने बताया जहाज अपहरण के पीछे की मंशा, इस दिन आएंगे भारतीय नागरिक
ईरान ने बताया जहाज अपहरण के पीछे की मंशा, इस दिन आएंगे भारतीय नागरिक
ईरानी अधिकारियों ने हाल ही में भारत के लिए रवाना हुए एक जहाज के अपहरण के पीछे के मकसद का खुलासा किया है। जांच से जुड़े करीबी सूत्रों के अनुसार, ईरान की कार्रवाई उनकी आने जाने पर चिंताओं का हवाला देते हुए, जहाज पर सवार पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लाने की इच्छा से प्रेरित थी। पाकिस्तानी और भारतीय नागरिकों के मिश्रित दल को ले जा रहे जहाज को पिछले सप्ताह ओमान की खाड़ी में ईरानी सुरक्षा बलों ने रोक लिया था। पहले की रिपोर्टों से पता चला कि यह घटना क्षेत्रीय तनाव या समुद्री डकैती से जुड़ी थी, लेकिन ईरानी अधिकारियों ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। आज के जारी एक बयान में, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अली खतीबजादेह ने कहा कि अपहरण का प्राथमिक उद्देश्य जहाज पर पाकिस्तानी मज़दूरों की उपस्थिति को संबोधित करना था, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं थे और उनके पास वीजा भी नहीं था। ईरान ने इन व्यक्तियों की पाकिस्तान में सुरक्षित वापसी की व्यवस्था करने का वादा किया है। हालाँकि, भारतीय चालक दल के सदस्यों का भाग्य अभी तय नहीं हुआ है। अब राजनयिक चैनलों के सक्रिय होने के साथ, भारतीय अधिकारी अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने और उनकी सुरक्षित घर वापसी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। बहरहाल भारतीय और ईरानी अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन कोई निष्कर्ष अभी तक सामने नहीं आया है। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समूह के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं, खासकर क्षेत्र में समुद्री यात्रा की सुरक्षा को लेकर। अपहरण क्षेत्रीय भू-राजनीति की कठिन परिस्थिति और इन जलक्षेत्रों में शिपिंग करने वाले कर्मचारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे बातचीत जारी है, हिरासत में लिए गए चालक दल के सदस्यों के परिवार उत्सुकता से अपने प्रियजनों के बारे में अपडेट का इंतजार कर रहे हैं। भारत सरकार ने जनता को आश्वासन दिया है कि स्थिति को शांतिपूर्ण निष्कर्ष पर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस बीच, जहाज के अपहरण के ईरान के फैसले पर कई जगह में बहस और निंदा छिड़ गई है, साथ ही कुछ लोगों ने खुले समुद्र में इस तरह की कार्रवाइयों की वैधता और नैतिकता पर सवाल उठाया है। जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, सभी की निगाहें संकट को हल करने और इसके बीच फंसे लोगों की कठिनाइयों को समाप्त करने के लिए चल रहे कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी हुई हैं।