Kailash Mansarovar Yatra 2025: क्या है रहस्यमय ‘यम द्वार’ जानें इससे जुड़ी मान्यताएं और रहस्य

Kailash Mansarovar Yatra 2025: क्या है रहस्यमय 'यम द्वार' जानें इससे जुड़ी मान्यताएं और रहस्य
Kailash Mansarovar Yatra 2025: क्या है रहस्यमय 'यम द्वार' जानें इससे जुड़ी मान्यताएं और रहस्य

कैलाश मानसरोवर: अद्वितीय धार्मिक और रहस्यमयी स्थलों से भरे कैलाश क्षेत्र में इस वर्ष की पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा जून के अंतिम सप्ताह से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसमें जुड़े अनेक रहस्य भी लोगों की जिज्ञासा का केंद्र हैं। ऐसी ही एक विशेष और रहस्यमयी जगह है — यम द्वार, जिसे कैलाश की यात्रा का प्रथम पड़ाव माना जाता है।

क्या है यम द्वार?

हिंदू धर्म में यम द्वार का अर्थ है – मृत्यु के देवता यमराज का प्रवेश द्वार। मान्यता है कि भगवान यम कैलाश पर्वत की रक्षा करते हैं और उनकी दिशा दक्षिण मानी जाती है, इसलिए यम द्वार भी कैलाश के दक्षिण दिशा में स्थित है। तिब्बती भाषा में इसे तारबोचे कहा जाता है। यहां एक विशेष ध्वज स्तंभ (फ्लैग पोल) स्थापित होता है, जिसे हर साल पूर्णिमा के दिन तिब्बती परंपरा के अनुसार बदला जाता है। इस अवसर पर स्थानीय लोग धार्मिक आयोजन भी करते हैं।

यात्रा की शुरुआत यहीं से होती है

कैलाश परिक्रमा पर निकलने वाले हर श्रद्धालु के लिए यम द्वार से गुजरना अनिवार्य होता है। यही वह स्थान है जहाँ से परिक्रमा की शुरुआत होती है। मान्यता है कि एक बार इस द्वार को पार करने के बाद पीछे मुड़कर देखना अशुभ होता है और ऐसा करने पर नकारात्मक शक्तियां व्यक्ति को घेर सकती हैं।

यम द्वार से जुड़े रहस्य

यम द्वार को लेकर कई रहस्यमयी घटनाएं भी सामने आई हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति इस स्थान पर रुकता है या रात बिताने की कोशिश करता है, तो उसकी अचानक मृत्यु हो जाती है। विज्ञान भी अभी तक इस रहस्य का उत्तर नहीं खोज पाया है। स्थानीय लोगों और यात्रियों के अनुसार, इस स्थान पर एक विशेष प्रकार की ऊर्जा या दिव्य शक्ति महसूस की जाती है।

धार्मिक मान्यताएं और आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्म के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज व्यक्ति की आत्मा को मृत्यु के बाद उसके कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नर्क की ओर भेजते हैं। उनके सहायक चित्रगुप्त आत्मा के सभी पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं। मान्यता है कि जो व्यक्ति यम द्वार से होकर कैलाश पर्वत की परिक्रमा करता है, उसके पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष या स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

2025 की यात्रा के लिए तैयारियां

साल 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा जून के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ की यात्रा करते हैं, जिसमें यम द्वार उनके आस्था और विश्वास का विशेष केंद्र बनता है।

यम द्वार सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक द्वार है, जहाँ से होकर गुजरना आत्मशुद्धि और मोक्ष के मार्ग पर पहला कदम माना जाता है। कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह द्वार श्रद्धा, रहस्य और साधना का संगम है।