मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कानूनी बाधाएं समाप्त, बेल्जियम अदालत ने दिया हरी झंडी

मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कानूनी बाधाएं समाप्त, बेल्जियम अदालत ने दिया हरी झंडी
मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में कानूनी बाधाएं समाप्त, बेल्जियम अदालत ने दिया हरी झंडी

बेल्जियम की अदालत ने मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण में अब कोई कानूनी बाधा न होने का आदेश जारी कर दिया है। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की साजिश रचने के गंभीर आरोप हैं। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि चोकसी के खिलाफ लगाए गए अपराध बेल्जियम के कानून के तहत भी अपराध माने जाते हैं, इसलिए उसे भारत को सौंपा जा सकता है।

आदेश की कॉपी एनडीटीवी के पास है, जिसमें यह भी लिखा है कि मेहुल चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं है, बल्कि विदेशी नागरिक है। इसके चलते उसकी नागरिकता विवादित रही है। चोकसी ने दावा किया था कि उसने नवंबर 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ली और 14 दिसंबर 2018 को भारतीय नागरिकता त्याग दी। हालांकि भारत सरकार इस दावे का विरोध करती रही है और उसे भारतीय नागरिक मानते हुए प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

बेल्जियम की अदालत ने कहा है कि भारत में दर्ज अपराध जैसे धोखाधड़ी, जालसाजी, दस्तावेज जालसाजी, भ्रष्टाचार आदि के मामले भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आते हैं, जिनमें एक वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है। हालांकि, एक विशेष आरोप जिसमें सबूतों को नष्ट करने का मामला शामिल है, वह बेल्जियम के कानून के तहत अपराध नहीं माना गया, इसलिए उस मामले में प्रत्यर्पण नहीं दिया जा सकता।

अदालत ने यह भी कहा कि चोकसी द्वारा लगाए गए आरोप कि उसे एंटीगुआ से जबरन भारत लाया गया या भारत में राजनीतिक उत्पीड़न का खतरा है के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। चोकसी के द्वारा प्रस्तुत कई दस्तावेज़ और रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रासंगिक नहीं माने गए और किसी भी व्यक्तिगत खतरे को साबित नहीं कर पाए।

भारत की जांच एजेंसी सीबीआई के अनुरोध पर एंटवर्प पुलिस ने 11 अप्रैल को मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया था। वह अब चार महीने से अधिक समय से बेल्जियम की हिरासत में है। उसकी जमानत याचिकाएं अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी हैं।

मेहुल चोकसी पर लगे प्रमुख आरोप

  • पंजाब नेशनल बैंक घोटाला: 13,850 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप।
  • मनी लॉन्डरिंग: फर्जी लेनदेन और शेल कंपनियों के माध्यम से काले धन का सफेद करना।
  • फर्जी गारंटी: पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत से नकली गारंटी जारी करना।
  • शेयर बाजार में धोखाधड़ी: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उन्हें 10 साल के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित किया है।
  • नकली हीरों की बिक्री: असली बताकर नकली हीरों को बेचना।
  • विदेशी बैंकों से बिना सिक्योरिटी लोन लेना: फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेशी बैंकों से लोन लेना।

इस आदेश के बाद अब मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। यह मामला देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक है और इसके निष्पादन से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संदेश जाएगा।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।