टेलंगाना के पासमायलाराम (संगारेड्डी ज़िला) स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज़ के फार्मा/केमिकल प्लांट में सोमवार की सुबह एक विनाशकारी रिएक्टर विस्फोट हुआ, जिसमें अब तक कम से कम 8–10 मजदूरों की जान चली गई और दर्जन भर से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
विस्फोट और अग्निकांड की त्वरित घटनाएँ
- विस्फोट में रिएक्टर और इमारत का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिससे तेज़ आग लग गई। धुएँ के गुबार आसमान तक पहुँचते देखे गए।
- अंदाज़ा है कि विस्फोट के समय प्लांट में लगभग 60‑61 कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें से कई अभी भी मलबे के नीचे फंसे हो सकते हैं।
- घटना स्थल पर 11 अग्निशमन गाड़ियाँ, आपदा प्रतिक्रिया बल और रेस्क्यू टीमों को भेजा गया है, और आग बुझाने के साथ-साथ फंसे हुए लोगों को निकालने का अभियान जारी है।
हालात: मौत और घायल
- अलग-अलग रिपोर्टों के अनुसार मृतकों की संख्या 8 से 10 के बीच है, जबकि 14 से 26 तक घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है, और उन्हें ज़िला अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, इलाज और बचाव कार्य अभी भी जारी है।
सरकारी प्रतिक्रिया और बचाव प्रयास
- मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी ने हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का निर्देश दिया।
- कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए घायलों को तत्काल बेहतर उपचार देने तथा मृतकों के परिजनों को सहायता paket उपलब्ध कराने की माँग की है।
- पुलिस और प्रशासन ने पूरे प्लांट को सील कर रखा है और हादसे की वजह जानने के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि विस्फोट कब हुआ, लेकिन अनुमान सुबह की शिफ्ट के दौरान है।
आर्थिक प्रभाव
- इस हादसे के बाद सिगाची इंडस्ट्रीज़ की शेयर कीमतों में भारी गिरावट आई है — कुछ रिपोर्टों में करीब 15% और कुछ में 10–14% तक का उछाल गिरावट देखा गया। निवेशकों को feared operational disruptions और regulatory कार्रवाई का खतरा है, जिससे कंपनी के शेयरों पर दबाव बना हुआ है।
- संक्षिप्त विश्लेषण
- यह हादसा फार्मा और केमिकल मिलों में सुरक्षा मानकों की ज़रूरत को दोबारा रेखांकित करता है। समय‑समय पर सुरक्षा ऑडिट, मानकों का कड़ाई से पालन, और नियमित आपातकालीन ड्रिल्स बेहद ज़रूरी हैं। साथ ही, हादसे के तुरंत बाद बचाव कार्य की तत्परता जीवन रक्षा में अहम भूमिका निभाती है।
- इस समय प्राथमिकता फंसे हुए मजदूरों को बचाने, घायलों को उपचार पहुंचाने, और मृतकों के परिवारों को सम्मानजनक सहायता देने की होनी चाहिए। इसके साथ-साथ घटना की जांच कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
- यदि दोष सिद्ध होते हैं, तो सम्बन्धित अधिकारियों और कंपनी को कड़ी सजा और मुआवजा देने की माँग उठनी चाहिए।