नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को ChatGPT निर्माता OpenAI को निर्देश दिया कि वह इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री (IMI) द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका पर अपना जवाब दाखिल करे। यह याचिका समाचार एजेंसी ANI द्वारा OpenAI के खिलाफ दायर कॉपीराइट उल्लंघन मुकदमे में हस्तक्षेप के लिए दायर की गई है।
IMI, T-Series और Saregama ने दायर की याचिका
पिछले सप्ताह, IMI, T-Series और Saregama India ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर ANI के मुकदमे में शामिल होने की मांग की थी। उनका तर्क था कि OpenAI का एआई मॉडल ChatGPT बिना अनुमति भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री की ऑडियो सामग्री का भी उपयोग कर सकता है, जिससे उनका कॉपीराइट प्रभावित हो सकता है।
हालांकि, इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा,
“हम मुकदमे के दायरे को लगातार बढ़ा नहीं सकते। अगर हर प्रभावित इंडस्ट्री इसमें शामिल होने लगी, तो मामला और जटिल हो जाएगा। आप चाहें तो अपना अलग मुकदमा दायर कर सकते हैं।”
IMI का पक्ष – ‘यह कॉपीराइट कानून के भविष्य का मामला’
IMI की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल ने दलील दी कि यह मामला केवल ANI का नहीं, बल्कि पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री का भी है।
उन्होंने कोर्ट से अनुरोध करते हुए कहा,
“हम मुकदमे के दायरे से बाहर नहीं जाएंगे। हम सिर्फ अंत में अपनी बात रखेंगे और जो मुद्दे शेष रह जाएंगे, उन पर कानूनी दलील देंगे।”
उन्होंने आगे कहा,
“यह मामला भारत के कॉपीराइट कानून के भविष्य को तय करेगा। यदि हम सभी अलग-अलग मुकदमे दायर करेंगे, तो यह और बड़ी अव्यवस्था पैदा कर देगा।”
OpenAI की प्रतिक्रिया और अगली सुनवाई की तारीख
OpenAI ने जवाब में कोर्ट को सूचित किया कि यह मामला पहले से ही 21 फरवरी (शुक्रवार) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इस पर न्यायमूर्ति बंसल ने सहमति जताते हुए कहा,
“इसी दिन सुनवाई कर लेते हैं, फिर देखते हैं।”
इसके बाद, हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया और हस्तक्षेप याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।
ANI की ओर से पेश अधिवक्ता सिधांत कुमार ने दलील दी कि मामला मूल रूप से समाचार सामग्री के कॉपीराइट से जुड़ा है, जबकि IMI का मुद्दा ऑडियो कॉपीराइट से संबंधित है।
कोर्ट में एमिकस क्यूरी (न्यायिक सलाहकार) आदर्श रामानुजन भी उपस्थित थे, जो मामले में न्यायालय की सहायता करेंगे।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी, जहां कोर्ट यह तय करेगा कि IMI की याचिका पर आगे सुनवाई होगी या नहीं।