चैत्र नवरात्रि का महापर्व इस बार 30 मार्च, रविवार से शुरू होकर 6 अप्रैल, रविवार तक मनाया जाएगा। यह नवरात्रि पर्व इस वर्ष आठ दिन मनाया जाएगा, क्योंकि द्वितीया और तृतीया तिथियां एक ही दिन, यानी 31 मार्च 2025 को पड़ रही हैं। इस प्रकार, इस वर्ष नवरात्रि का आयोजन नौ दिन की बजाय आठ दिन होगा।
चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन एक विशेष रूप की पूजा की जाती है और भक्त उपवासी रहते हुए इन रूपों की उपासना करते हैं। आइए जानते हैं, इस वर्ष के नवरात्रि में कौन से रूप की पूजा किस दिन की जाएगी:
पहला दिन – मां शैलपुत्री
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री को भगवान हिमालय की पुत्री माना जाता है।
दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इन्हें भगवती पार्वती के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें दक्ष प्रजापति के घर जन्म मिला था।
तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। वे मां पार्वती के विवाह रूप में पूजा जाती हैं।
चौथा दिन – मां कुष्मांडा
चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इन्हें सूरज के भीतर निवास करने वाली देवी माना जाता है।
पांचवां दिन – मां स्कंदमाता
पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है। यह मां पार्वती के रूप में प्रसिद्ध हैं, जिन्हें भगवान स्कंद (कुर्तिकेय) की माता के रूप में पूजा जाता है।
छठा दिन – मां कात्यायनी
छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। उन्हें देवी पार्वती का सबसे हिंसक रूप माना जाता है, जो महिषासुर का संहार करने के लिए उत्पन्न हुई थीं।
सातवां दिन – मां कालरात्रि
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है। वे अंधेरे रंग में चित्रित की जाती हैं, और उनके रूप का प्रतीक बुराई का विनाश है।
आठवां दिन – मां महागौरी
आठवे दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। उन्हें सफेद रूप में चित्रित किया जाता है, जो पवित्रता और मासूमियत का प्रतीक हैं।
नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री
नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। वे ध्यान मुद्रा में चित्रित की जाती हैं, जो आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान का प्रतीक हैं।
इस बार चैत्र नवरात्रि में, भक्त इन नौ रूपों की पूजा कर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करेंगे।