नई दिल्ली: लोकसभा ने गुरुवार को इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 को पारित किया, जिसके तहत भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की अब रीयल-टाइम में निगरानी की जाएगी और यात्रा के दौरान उनके हर चरण पर जांच की जाएगी। यह बिल भारतीय इमिग्रेशन सिस्टम को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से चार पुराने उपनिवेश काल के कानूनों को समाप्त कर एक केंद्रीकृत कानूनी व्यवस्था स्थापित करेगा।
बिल के मुख्य प्रावधान:
1. इमिग्रेशन अधिकारियों को अतिरिक्त शक्तियां: क्लॉज 3(3) के तहत अधिकारियों को न केवल प्रवेश बिंदु पर, बल्कि भारत में विदेशी नागरिक की यात्रा, ट्रांजिट या निवास के दौरान यात्रा दस्तावेजों की जांच करने की शक्ति दी जाएगी। यदि आवश्यक हो, तो अधिकारी अतिरिक्त जानकारी भी मांग सकते हैं।
2. केंद्रीय नियंत्रण में वीजा संबंधित मामलों का संचालन: क्लॉज 3(5) के तहत सभी वीजा संबंधित मामलों को केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में रखा गया है।
3. ट्रांसपोर्ट वाहनों से रीयल-टाइम डेटा प्राप्त करना: क्लॉज 17(1) के अनुसार, सभी परिवहन वाहकों—हवाई, समुद्री या भूमि—को यात्रियों और क्रू के विवरण की सूचना देने की आवश्यकता होगी, जिसमें अग्रिम यात्री सूचना और नाम रिकॉर्ड शामिल होंगे।
क्लॉज 17(7) के तहत जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्तों को अतिरिक्त विवरण की मांग करने का अधिकार दिया गया है।
क्लॉज 17(12) के तहत कोई भी वाहक इमिग्रेशन क्लीयरेंस के बिना प्रस्थान नहीं कर सकता।
4. सेवा प्रदाताओं द्वारा अनिवार्य रिपोर्टिंग:
- आवास प्रदाता को विदेशी मेहमानों की जानकारी अधिकारियों को देना होगा (क्लॉज 8(1))।
- विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों के नामांकन की रिपोर्ट देनी होगी (क्लॉज 9)।
- अस्पतालों को विदेशियों के इलाज की रिपोर्ट देनी होगी (क्लॉज 10)।
5. नए कानून में सख्त सजा प्रावधान: नए कानून के तहत धोखाधड़ी से पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करने पर 2 से 7 साल की सजा और ₹1 लाख से ₹10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
सीमित क्षेत्रों में बिना अनुमति प्रवेश करने पर 5 साल तक की सजा या ₹5 लाख का जुर्माना हो सकता है।
6. विदेशी नागरिकों के लिए आवागमन पर सरकारी नियंत्रण: बिल केंद्र सरकार को उन क्षेत्रों में पहुंच को प्रतिबंधित या बंद करने का अधिकार देता है जो विदेशी नागरिकों द्वारा अधिक उपयोग किए जाते हैं। सरकार उन स्थानों पर प्रवेश की शर्तों को नियंत्रित कर सकती है या केवल कुछ विशेष श्रेणियों को प्रवेश की अनुमति दे सकती है।
7. पुराने कानूनों की समाप्ति: यह नया बिल निम्नलिखित पुराने कानूनों को समाप्त करेगा:
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
- विदेशी पंजीकरण अधिनियम, 1939
- विदेशी अधिनियम, 1946
- इमिग्रेशन (वाहकों की जिम्मेदारी) अधिनियम, 2000
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा, “यह बिल देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है, साथ ही पुराने इमिग्रेशन कानूनों को आधुनिक बनाएगा। अब, भारत आने वाले हर विदेशी नागरिक का पूरा, व्यवस्थित, एकीकृत और अद्यतित रिकॉर्ड रहेगा। यह नया कानून पारदर्शी, तकनीकी-संचालित, समयबद्ध और विश्वासनीय होगा।” इस बिल के पारित होने के बाद, भारत का इमिग्रेशन सिस्टम पूरी तरह से डिजिटलीकरण और केंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाएगा।